संगीत एक ऐसी चीज है, जो लोगों के मन में गहरा प्रभाव डालती है. ऐसे कई गाने हैं, जो हमारी जुबां पर आ ही जाते हैं. लोगों को गाने गुनगुनाना पसंद होता है. कई गाने ताउम्र अपनी छाप छोड़ देते हैं, भले ही उन्हें गाने वाले दुनिया से चले जाएं लेकिन, अमर रहती है तो उनकी आवाज. साल 2022 भारत में भारत ने लता मंगेशकर, बप्पी लहरी, सिद्दु मुसेवाला और केके जैसे बेहतरीन गायकों को खो दिया.
भले ही अब ये गायक हमारे बीच न हों लेकिन, इनकी आवाज आज भी जिंदा है. इन गानों ने हर किसी को त्रमुग्ध और प्रेरित किया है. गानों के बिना जीवन की कल्पना करना भी शायद मुश्किल हो. चाहे आप कुछ काम कर रहे हैं, दोस्तों के साथ बैठे हैं या फिर किसी से अपने दिल की बात बिना कुछ कहे कहना चाहते हैं तो आप हर बार गानों का सहारा लेते हैं.
विश्व संगीत दिवस 2022 के अवसर पर उन गायकों को याद करते हैं, जिन्होंने इस साल एक अपूरणीय शून्य को पीछे छोड़ते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया.
लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 - 6 फरवरी 2022)
भारत की कोकिला लता मंगेशकर ने संगीत की दुनिया पर जो प्रभाव छोड़ा, उसे न तो भुलाया जा सकता है और न ही बदला जा सकता है. उनका सात दशकों में एक शानदार करियर रहा, 1948 की फिल्म 'मजबूर' में उनके पहले ब्रेक से शुरू होकर, 'दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का ना छोड़ा' गाने के साथ पहचान बनाई.
लता मंगेशकर का 6 फरवरी को मल्टी-ऑर्गन फेल्योर के बाद निधन हो गया था, लेकिन वह 'अजीब दास्तान है ये', 'ऐ मेरे वतन के लोगो', 'लुक्का छुपी' और अपने भावपूर्ण गीतों के साथ हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी. उन्होंने लगभग पांच हजार से ज्यादा गाने गाए हैं.
बप्पी लहिरी(27 नवंबर 1952 - 15 फरवरी 2022)
19 साल की छोटी उम्र में, बप्पी लहिरी ने एक संगीतकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत बंगाली फिल्म 'दादु' से की थी. पहली हिंदी फिल्म जिसके लिए उन्होंने संगीत दिया था, वह थी नन्हा शिकारी. वह उन गायकों में से एक हैं जिन्होंने डिस्को में भारत का परिचय कराया और ऐसी धुनें बनाईं जो उनके मेहनती करियर के दौरान चार्टबस्टर बन गईं. भारतीय धुनों के साथ इलेक्ट्रॉनिक ध्वनियों को मिलाने में उनका कोई तोड़ नहीं था और शायद न ही कभी होगा.
उनके गाने खासकर 'इंतहा हो गई इंतजार की', 'तकी तकी', 'यार बिना चैन कहां रे' और 'याद आ रहा है' आज भी ताजी हवा के झोंके की तरह लगते हैं. 15 फरवरी को 69 वर्ष की उम्र में मुंबई में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण उनका निधन हो गया.
सिद्धू मूसे वाला(11 जून 1993 - 29 मई 2022)
29 मई, 2022 को पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला के निधन की चौंकाने वाली खबर से पूरा देश दुखी था. पंजाब के मनसा जिले के जवाहरके गांव में हमलावरों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी.
सिद्धू भले ही दुनिया से चले गए हों लेकिन, उनके पीछे जो यादें हैं वो उन्हें हर दिल में जिंदा रखे हुए हैं. वह अपने गानों, फिल्मों और संगीत कार्यक्रमों के जरिए बिना किसी हिचकिचाहट के सब कुछ कह देते थे. कई बार वह इस वजह से विवादों में भी फंसे.
केके (23 अगस्त 1968 - 31 मई 2022)
केके की आवाज युवाओं के दिल में जोश जगाने का काम करती थी. उनकी आवाज का जादू कभी कमी नहीं हुआ और न ही होगा. उनका निधन हमारे स्कूल और कॉलेज के दिनों को फिर से खोने जैसा था. 31 मई को जब उनका निधन हुआ वह कोलकाता में स्टेज पर परफॉर्म कर रहे थे. उन्होंने आखिरी बार 'पल' गाना गाया था. उन्होंने 53 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया.
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