साहित्य आजतक के मंच पर दर्शकों के लिए आज जुबिन नौटिलाय सामने आए. जुबिन पहले भी कई बार साहित्य आजतक के मंच पर आ चुके हैं. जुबिन का कहना है कि जो आने वाले आर्टिस्ट हैं, उन्हें ऑल राउंडर होने की जरूरत है. वह इस बात को अपसे से जोड़ते हुए कहते हैं क्योंकि वह अपने गाने में अब खुद नजर आने लगे हैं. तो उनका कहना है कि अपकमिंग आर्टिस्ट को कहीं न कहीं डांस, सिंगिंग और एक्टिंग आनी चाहिए.
जुबिन एक सिंगर हैं. तो संगीत को लेकर वह साफतौर पर कहते हैं कि संगीत कैसा भी पर हर किस्म का संगीत गाना चाहिए. फिर चाहे वह रोमांटिक हो या आध्यात्मिक. इसी बात को जुबिन ने खुद से जोड़ा और बताया कि वह आज हर किस्म के गाने गाते हैं.
जुबिन एक इस तरह के सिंगर हैं जो चाहे यूट्यूब हो या सिनेमा, या लाइव शो वह हर तरह के फॉरमेट में महारत रखते हैं. और इसी को साबित करने के लिए जुबिन ने साहित्य आजतक के मंच पर लाइव ऑडियंस के सामने गाने गाए. लेकिन इसी बीच उन्होंने दिल्ली के प्रदूषण पर चिंता भी जाहिर की. उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण किस कदर हावी हो चुका है.
फ्लॉप गाने के सवाल के जवाब में जुबिन ने कहा कि वह कभी यह सोचकर गाना नहीं बनाते कि गाना हिट रहेगा या फ्लॉप, वह केवल ईमानदारी से गाना बनाते हैं. साथ ही वह इस बात पर विश्वास रखते हैं कि उनके बनाए गाने की कहीं न कहीं कोई ऑडियंस जरूर रहेगी. वह कहते हैं कि वह किसी गाने के व्यूज्स कभी नहीं देखते, वह केवल सुनने वालों के प्यार को देखते हैं.
वह भगवान राम पर लिखे अपने एक गाने के बारे में बताते हुए कहते हैं कि बेशक इस गाने को उन्होंने गाया हो. इसका संगीत किसी ओर ने दिया हो. या जिन भी लोगों का इस गाने के पीछे हाथ हो. लेकिन उस गाने के फैमस होने का कारण केवल लोगों के दिलों में भगवान राम के लिए बसा प्यार है.
अपने आध्यातमिक गानों के बारे में बात करते हुए जुबिन कहते हैं कि उन्होंने यह गाने कभी किसी को खुश करने के लिए नहीं गाए. साथ ही वह जानते भी नहीं थे कि देश पर इन गानों का इतना प्रभाव पड़ेगा. लेकिन वह आज खुश होते है जब बच्चों के माता-पिता उनसे मिलते हैं और बताते हैं कि उनके बच्चे जुबिन के गाने गुनगुनाते हैं.
जुबिन ने एक खास गाना साहित्य आजतक के मंच से गाया. इस गाने के पीछे का बैकग्राउंड है कि जुबिन ने देखा कि किस कदर पंजाबी और हरियाणी गानों की इंडस्ट्री बढ़ रही है. इसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न उत्तराखंड से गानों की एक ऐसी इंडस्ट्री खड़ी की जाए. इसको लेकर उन्होंने कई गाने लिखे हैं, जिसमें से एक गाना उन्होंने साहित्य आजतक के मंच से गाया.
संगीत को लेकर जुबिन का कहना है कि संगीत केवल संगीत होता है, वह क्षेत्रों की सीमाओं में बंधा हुआ नहीं होता. साथ ही किसी भी गायक को किसी भी क्षेत्र के गीत को गाने से कतराना नहीं चाहिए. उनका मानना है कि किसी भी तरह का संगीत हो वह केवल संगीत है, जिसे वह हमेशा गाने के लिए तैयार है.