गणेश चतुर्थी की आज से शुरुआत हो चुकी है. देशभर में कोरोना प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए इस त्योहार को मनाया जा रहा है. महाराष्ट्र में प्रत्येक वर्ष इस पर्व की धूम होती है. हालांकि, इस बार कोरोना के चलते राज्य में मंदिरों को बंद किया हुआ है.
हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है. पूरे देश में गणेश चतुर्थी को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है. श्री गणेश प्रथम पूज्य भगवान हैं. हर शुभ काम में सबसे पहले गणेश जी पूजा करते हैं.
(फोटो क्रेडिट- PTI)
आज 10 सितंबर से गणेश जी का 10 दिन तक मनाया जाने वाला पर्व शुरू हो गया है. इस दिन भगवान गणेश विराजेंगे और 19 सितंबर यानी अनंत चतुर्दशी के दिन उन्हें विदा किया जाएगा.
(फोटो क्रेडिट- PTI)
गणेश चतुर्थी पर भगवान की भव्य मूर्तियों के साथ पंडाल भी स्थापित किए जाते हैं. मिठाई की दुकानों पे काउंटरों पर विभिन्न प्रकार के मोदक, बर्फी और लड्डू रखे जाते हैं. माना जाता है कि भगवान गणेश की कृपा से सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
(फोटो क्रेडिट- PTI)
गणेश जी का पूजन करते समय दूब, घास, गन्ना और तरह-तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है. खासतौर पर मोदक का. लेकिन बप्पा को सिर्फ मोदक ही नहीं बल्कि कई और ऐसी चीजें जिनका भोग लगाया जाता है. आज हम आपको ऐसी ही एक रेसिपी के बारे में बताते हैं.
(फोटो क्रेडिट- PTI)
कोरोना संक्रमण के चलते सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिमा स्थापित नहीं होने दी. बाजार खाला थाना क्षेत्र के करीब एक दर्जन पूजा समितियों ने इसका विरोध किया. पुलिस ने शासन का हवाला देते हुए अनुमति नही दी.
(फोटो क्रेडिट- PTI)
मूर्तिकारों का कहना है कि पिछले साल कोरोना के कारण हमारी मूर्तियों की ज्यादा सेल नहीं हो पाई है. मगर इस बार मूर्ति लेने काफी लोग आ रहे हैं. गणेश महोत्सव पूरे नौ दिनों तक चलेगा इस दौरान बाजारों सहित आसपास सड़को पर भी ज्यादा भीड़ देखने को मिले रही है.
(फोटो क्रेडिट- PTI)
वहीं त्यौहारों को देखते हुए पुलिस ने सभी जगह चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो.
(फोटो क्रेडिट- PTI)