एक तरफ पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. जिसे बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिशें की जारी हैं. वहीं दूसरी तरफ भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने मंगलवार से बंगाल की खाड़ी में मालाबार युद्धभ्यास का दूसरा चरण शुरू कर दिया.
(Photo- ANI)
अमेरिकी नौसेना के ऑपरेशन्स चीफ, एडमिरल माइरल गिलडे पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंच गए हैं. वे भारतीय नौसेना के वरिष्ठ कमांडर्स के साथ खुद मालाबार युद्धभ्यास की समीक्षा करेंगे.
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भारतीय नौसेना के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में होने जा रही मालाबार 2021 एक्सरसाइज का ये दूसरा चरण है. अभ्यास का पहला चरण 26-29 अगस्त तक गुआम के प्रशांत महासागर द्वीप पर आयोजित किया गया था. इसमें विध्वंसक, युद्धपोत, कार्वेट, पनडुब्बी, हेलीकॉप्टर, लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान और अमेरिकी नौसेना सील और भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो सहित कुलीन विशेष बल शामिल थे.
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12-15 अक्टूबर तक चलने वाली इस मेरीटाइम एक्सरसाइज में अमेरिकी नौसेना का न्युक्लिर एयरक्राफ्ट कैरियर, यूएसएस कार्ल विंसन हिस्सा ले रहा है तो भारतीय नौसेना की एक पनडुब्बी भी इस वॉर-गेम का हिस्सा है.
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मालाबार एक्सरसाइज के दूसरे चरण में भारतीय नौसेना की एक पनडुब्बी के अलावा आईएनएस रणविजय और आईएनएस सतपुड़ा युद्धपोत सहित पी8आई टोही विमान हिस्सा ले रहा है. अमेरिकी नौसेना की तरफ से निमित्ज-क्लास कार्ल विंसन विमानवाहक युद्धपोत सहित दो डेस्ट्रोयर, यूएसएस लेक चैंपियन और यूएसएस स्टॉकडेल हिस्सा ले रहे हैं.
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मालाबार एक्सरसाइज हमेशा से चीन की आंख में खटकती रही है. चीन की धमकी के बाद ऑस्ट्रेलिया ने इस युद्धभ्यास में हिस्सा लेना बंद कर दिया था. लेकिन पिछले साल से एक बार फिर आस्ट्रेलिया ने मालाबार में शिरकत करनी शुरू कर दी है. मालाबार एक्सरसाइज की शुरूआत भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास से शुरू हुई थी. बाद में जापान भी इसमें शामिल हो गया था.
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मालाबार एक्सरसाइज का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में फ्री, ओपन, इनक्लुजिव और रूल बेस्ड इंटरनेशल ऑर्डर को स्थापित करना है, जबकि चीन इस तरह की व्यवस्था को नहीं मानता है.
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