श्रीनगर के इंदिरा गांधी ट्यूलिप गार्डन (Indira Gandhi Tulip Garden) की शानदार सफलता के बाद दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और कोकरनाग क्षेत्रों में भी इसी तरह की पहल की जा रही है. इस पहल का उद्देश्य ट्यूलिप की खेती और बिक्री में आत्मनिर्भर बनना है. हालांकि कोकरनाग का नया ट्यूलिप गार्डन स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बन रहा है.
श्रीनगर के कृषि विश्वविद्यालय ने इन परियोजनाओं को अनुसंधान पहल के रूप में शुरू किया है. इसका उद्देश्य ट्यूलिप आयात के लिए नीदरलैंड, बेल्जियम जैसे यूरोपीय देशों पर निर्भरता को समाप्त करना और स्वदेशी ट्यूलिप बैंक बनाना है. यह बैंक न केवल श्रीनगर ट्यूलिप महोत्सव के लिए ट्यूलिप की फसल प्रदान करेगा, बल्कि घाटी के अन्य स्थानों में ट्यूलिप गार्डन बनाने में भी मदद करेगा.
कश्मीर में शुरू हुई ट्यूलिप्स पर रिसर्च
दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में रिसर्च के उद्देश्य से ट्यूलिप गार्डन का उद्घाटन हो चुका है. यह गार्डन कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के रिसर्च सेंटर ने तैयार किया है. इस गार्डन का मुख्य उद्देश्य ट्यूलिप की विभिन्न प्रजातियों पर शोध करना है ताकि घाटी के विभिन्न हिस्सों में ट्यूलिप की खेती की जा सके.
अब कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के रिसर्च सेंटर में ट्यूलिप की विभिन्न प्रजातियों पर शोध किया जा रहा है. इसका उद्देश्य ट्यूलिप के बीजों के आयात के लिए नीदरलैंड और बेल्जियम जैसे यूरोपीय देशों पर निर्भरता को समाप्त करना है. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा, "हमारा मुख्य उद्देश्य ट्यूलिप उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है."
कोकरनाग में खोलना पड़ा ट्यूलिप गार्डन
कोकरनाग में ट्यूलिप गार्डन के उद्घाटन से स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है. जब यहां रिसर्च के लिए लगाए गए ट्यूलिप में स्थानीय लोगों की रूचि बढ़ने लगी तो उनके लिए इसे खोलना पड़ा. फ्लोरिकल्चर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "यह गार्डन एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है. यहां की खूबसूरती देखने के लिए आसपास के इलाकों से लोग आ रहे हैं."
स्थानीय लोगों ने भी ट्यूलिप गार्डन के उद्घाटन पर खुशी जताई है. एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हम श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन जाना चाहते थे, लेकिन कुछ कारणों से नहीं जा पाए. अब हमें दूर जाने की जरूरत नहीं है."
क्या है सरकार की योजना?
सरकार की योजना है कि घाटी में और भी ट्यूलिप गार्डन तैयार किए जाएं ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले और विदेशी निर्भरता कम हो. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "हमारी कोशिश है कि घाटी में और भी ट्यूलिप गार्डन तैयार किए जाएं ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले और विदेशी निर्भरता कम हो."
दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में ट्यूलिप गार्डन की शुरुआत से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत ट्यूलिप उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी कदम बढ़ाएगा. यह गार्डन स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा और विदेशी निर्भरता को कम करेगा.