हिन्दी सिनेमा के पहले एंटी-हीरो और 40-50 के दशक में अपने काम का लोहा मनवाने वाले 'दादा मुनि' अशोक कुमार आज ही के दिन इस दुनिया में आए थे. आज (Oct 13) ही के दिन साल 1911 में भागलपुर में उनका जन्म हुआ था. अशोक कुमार का असली नाम कुमुदलाल गांगुली था. बहुत कम लोग जानते हैं कि अशोक कुमार एक्टिंग और पेंटिंग के अलावा होमियोपैथी भी जानते थे.
सिनेमा में एंट्री
शुरुआत में अशोक कुमार एक्टर नहीं बनना चाहते थे. वे टेक्नीकल डिपार्टमेंट में काम करना चाहते थे. उनकी छोटी बहन के पति शशधर मुखर्जी हिमांशु राय की कंपनी बॉम्बे टॉकीज में साउंड इंजीनियर थे. एक दिन शशधर अशोक को हिमांशु राय के पास ले गए और राय ने उन्हें एक्टर बनने के लिए कहा लेकिन अशोक ने मना कर दिया. बाद में अशोक डायरेक्शन में भी असिस्ट करने लगे थे. अशोक कुमार की पहली फिल्म ‘जीवन नैया’ (1936) थी. अशोक कुमार को यह फिल्म मिलने के पीछे एक दिलचस्प किस्सा है.
बताया जाता है कि साल 1936 में बॉम्बे टॉकीज की फिल्म 'जीवन नैया' की शूटिंग शुरू होने से पहले ही उसके लीड एक्टर्स के बीच कुछ मतभेद हो गया. तब फिल्म प्रोड्यूसर हिमांशु राय ने अशोक कुमार को बतौर एक्टर इस फिल्म में शामिल कर लिया और इसी के साथ अशोक कुमार के फिल्मी करियर की शुरुआत हो गई और उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. बहुत जल्द फिल्म इंडस्ट्री में अशोक कुमार की एक्टिंग के चर्चे होने लगे. इतना ही नहीं, अशोक कुमार ने 'पाकीजा', 'चलती का नाम गाड़ी', 'बहू', 'बेगम', 'बंदिनी' और 'आशीर्वाद' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया.
सबसे पहले एंटी-हीरो का रोल करने का श्रेय भी अशोक कुमार को जाता है. उन्होंने 1943 में आई ज्ञान मुखर्जी की फिल्म ‘किस्मत’ में अपराधी का रोल किया था. ‘किस्मत’ पहली हिंदी फिल्म थी जिसने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई की थी और ये फिल्म सालों तक सिनेमाघरों में चली. इसके बाद शोले ने 32 साल बाद इस फिल्म का रिकॉर्ड तोड़ा था.
अशोक कुमार का फिल्मी करियर 60 साल चला उन्होंने करीब 300 फिल्में कीं. 10 दिसंबर 2001 को हार्ट फेल होने से उनका निधन हो गया. उनकी आखिरी फिल्में ‘रिटर्न ऑफ द ज्वेलथीफ’ (1996) और ‘आंखों में तुम हो’ (1997) थीं .
अशोक कुमार ने अपना जन्मदिन मनाना बंद कर दिया
13 अक्टूबर की तारीख जहां अशोक कुमार के जन्मदिन के लिए जानी जाती है वहीं यही तारीख उनके भाई और मशहूर गायक किशोर कुमार की मौत की याद दिलाती है. अशोक कुमार अपने छोटे भाई किशोर कुमार को बेहद प्यार करते थे. दुर्भाग्यवश किशोर कुमार की मृत्यु 13 अक्टूबर 1987 को हुई थी. किशोर कुमार की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई थी. किशोर कुमार की मृत्यु अशोक कुमार के 76वें जन्मदिन के दिन हुई थी.
अशोक कुमार के नाम कई पुरस्कार
1968 में आई फिल्म आर्शीवाद के लिए अशोक कुमार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. वहीं 1988 में उन्हें दादा साहब फाल्के अवार्ड और 1999 में पद्म भूषण अवार्ड भी दिया गया.