अस्थमा के मरीज ने बनाया सस्ता एयर फिल्टर, घर के स्प्लिट एसी में करें फिट और पाएं शुद्ध हवा

जय धार गुप्ता एक उद्यमी और पर्यावरण संरक्षक हैं. दौड़ लगाने का शौक रखने वाले जयधर को 2011 से बाद से वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगी. खासकर कि दिल्ली में दौड़ लगाना उनके लिए मुश्किल हो गया था. और इस कारण उन्होंने न सिर्फ लोगों को वायु प्रदूषण के प्रति जागरूक करने का फैसला किया बल्कि लोगों को शुद्ध हवा देने के लिए अपना उद्यम भी शुरू किया.

जय धार गुप्ता
तेजश्री पुरंदरे
  • नई दिल्ली ,
  • 18 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST
  • एनवायर्नमेंटल एक्टिविस्ट भी हैं जय धार गुप्ता
  • 2015 में शुरू किया एयर फिल्टर बनाने वाला स्टार्टअप

देश की राजधानी और आसपास के शहरों में  प्रदूषण के हालात किसी से भी नहीं छिपे हैं. अब नौबत ये आ गई है कि सरकार को वायु प्रदूषण के कारण लॉकडाउन लगाने पर विचार करना पड़ रहा है. ताकि नागरिकों को विषैली हवा से बचाया जा सके. 

हाल ही में, एक याचिका पर सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का ऐसा स्तर है कि घरों में भी लोगों को मास्क पहनना पड़ रहा है. और यह एक अच्छे भविष्य के संकेत नहीं हैं. इसलिए बहुत जरुरी है कि इन मुद्दों पर जल्द से जल्द ध्यान दिया जाए. 

लेकिन इस विषय में सिर्फ सरकार ही कुछ कर सकती है, यह सोचना बिल्कुल गलत होगा. क्योंकि अगर ठान लिया जाए तो आम नागरिक भी बहुत कुछ कर सकते हैं. और इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं जय धार गुप्ता.

वायु प्रदूषण के कारण हुआ अस्थमा: 

जय धार गुप्ता एक उद्यमी और पर्यावरण संरक्षक हैं. दौड़ लगाने का शौक रखने वाले जयधर को 2011 से बाद से वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगी. खासकर कि दिल्ली में दौड़ लगाना उनके लिए मुश्किल हो गया था. और इस कारण उन्होंने न सिर्फ लोगों को वायु प्रदूषण के प्रति जागरूक करने का फैसला किया बल्कि लोगों को शुद्ध हवा देने के लिए अपना उद्यम भी शुरू किया.

जय आज खुद को एक 'एयर सेफ्टी एक्टिविस्ट' बताते हैं. उन्होंने एक सिटीजन एक्शन ग्रुप, 'My Right to Breath' की भी शुरुआत की. जिसके जरिए वह लोगों को जागरूक कर रहे हैं. उनका कहना है कि लोग हर दिन अच्छा खाने और नियमित पानी पीने पर जितना जोर देते हैं उतना ही शुद्ध हवा पर भी जोर देना चाहिए.

हर दिन सामान्य तौर पर लोग लगभग 12 लीटर पानी पीते हैं. लेकिन अगर हवा की बात करें तो सांस लेने के लिए कम से कम 12,000 लीटर हवा चाहिए होती है. इसलिए बहुत ज्यादा जरुरी है कि लोग शुद्ध हवा में सांस लें. 

बनाया सस्ता एयर फिल्टर:

 लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ जय ने तकनीक पर भी काम किया. साल 2015 में उन्होंने अपनी कंपनी निर्वाणा बीइंग की शुरुआत की. जिसके जरिए वह एक खास तरह का एयर फिल्टर बना रहे हैं. इसे कोई भी अपने घर के स्प्लिट एसी में फिट करके इस्तेमाल कर सकता है. 

जैसे ही उनके एयर फिल्टर को स्प्लिट एसी में फिट किया जाता है तो यह हवा को ठंडा करने के साथ-साथ शुद्ध करने का काम भी करता है. और ऐसा नहीं है कि एसी सिर्फ गर्मियों में चलता है तो आप इसे गर्मियों में ही इस्तेमाल कर सकते हैं. 

सर्दियों में एसी को सिर्फ फैन मोड में चलाकर एयर प्योरीफाई की जा सकती है. यह एक 'नैनोटेक एसी फिल्टर' है और इसकी कीमत 695 से 750 रुपये के बीच में है. जहां 3एम फिल्टर पीएम2.5 कणों को हटा सकता है, वहीं जय का दावा है कि उनका फिल्टर वायरस और पीएम2.5 कणों को भी हटा सकता है. 

उनका कहना है कि उनके फिल्टर का परीक्षण नेल्सन लैब्स, यूएसए द्वारा किया गया है. एक एयर फिल्टर करीब  दो से ढाई महीने तक चलता है और सारे हानिकारक तत्वों को सोख लेता है. इस फिल्टर को स्प्लिट एसी में फिट करने के लिए आपको किसी एक्सपर्ट को बुलाने की जरूरत नहीं है. आप यह काम खुद कर सकते हैं. 

कार के लिए बनाया मिनी फिल्टर:
 
जय ने सिर्फ घरों के लिए नहीं बल्कि दफ्तर, क्लिनिक और दूसरी जगहों के लिए भी जरूरत के हिसाब से एयर फिल्टर बनाए हैं. इसके अलावा, उन्होंने कार के लिए भी मिनी फिल्टर बनाया है ताकि कार में कहीं आते-जाते समय भी आप शुद्ध हवा में सांस लें. 

अच्छी बात यह है कि उनके सभी प्रोडक्ट बहुत ही किफायती दामों में उपलब्ध हैं ताकि कम से कम आय वाले परिवार भी इसे खरीद सकें और अपने बच्चों को शुद्ध हवा का वातावरण दे पाएं. 

 

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