दिल्ली AIIMS मेडिकल चमत्कारों के लिए जाना जाता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. दिल्ली एम्स ने एक ऐसे मरीज को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है, जिसके जिंदा बचने की भी उम्मीद नहीं थी.
अन्नपूर्णा चोटी को चढ़ते वक्त हुआ हादसा
अनुराग मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं और बीते कुछ सालों से भारत के अलग-अलग पर्वतों पर चढ़ाई कर चुके हैं. अनुराग का लक्ष्य था कि अन्नपूर्णा पर्वत पर 8000 मीटर की चढ़ाई करें, जोकि बेहद मुश्किल ट्रैक माना जाता है. पहाड़ चढ़ते हुए अनुराग ने गलत रास्ता ले लिया और वह एवलांच में फंस गए. अनुराग 6000 फीट से नीचे गिरे और 72 घंटे तक 80 फुट की गहरी बर्फीली खाई में फंसे रहे.
72 घंटों में खुद की बनाई वीडियो
अनुराग 80 फीट गहरी खाई में गिरे तो वह होश में थे. शुरुआती कुछ घंटे अनुराग ने खुद को रिकॉर्ड किया फिर धीरे-धीरे हिम्मत टूटने लगी तो बेहोश हो गए. इस दौरान अनुराग बुरी तरह से जख्मी भी हो गए और उनके शरीर के अलग-अलग अंगों पर चोटें आईं.
नेपाल से एयरलिफ्ट करके दिल्ली एम्स लाया गया
अनुराग के मिसिंग होने पर रेस्क्यू मिशन चलाया गया और फिर अनुराग को नेपाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. शुरुआती दौर में अनुराग को सीपीआर देना पड़ा. उन्हें लगातार वेंटिलेटर पर रखा गया. नेपाल के अस्पताल में जब अनुराग के बचने की उम्मीद नजर नहीं आई तो परिवार ने उन्हें दिल्ली एम्स लाने का फैसला किया.
दिल्ली एम्स के 9 विभागों ने मिलकर किया उपचार
डॉक्टर मनीष सिंगला में बताया, जब ये केस पहली बार दिल्ली एम्स के पास आया तो उन्हें पता था कि अनुराग को बचाना बहुत आसान नहीं होगा. मगर दिल्ली एम्स के 9 विभागों ने एक साथ मिलकर काम किया अनुराग की 6 सर्जरी हुई, शुरुआती एक हफ्ते में अनुराग ऑक्सीजन सपोर्ट में थे और बोल भी नहीं सकते थे. मगर 6 महीने का समय लगा और अब अनुराग अपने पैरों पर खड़े हैं और एम्स से डिस्चार्ज होकर घर जा रहे हैं. डॉ कपिल ने गुड न्यूज टुडे को बताया कि दिल्ली एम्स में यूं तो हर रोज सर्जरी की जाती हैं, मगर ये केस अपने आप में यूनिक था.
अनुराग का बचना एक चमत्कार
अनुराग जब 80 फीट गहरे गड्ढे में गिरे तो 12 घंटे बेहोश रहा, अभी भी अनुराग को कुछ भी याद नहीं है. नेपाल के अस्पताल में अनुराग बोल नहीं पा रहे थे, सांस नहीं ले पा रहे थे, शुरुआती 10 दिन किसी को उम्मीद नहीं थी. मगर आज ठीक 6 महीने बाद अनुराग अपने पैरों पर खड़े हैं और पूरी तरीके से स्वस्थ हैं. अनुराग का कहना है कि दिल्ली एम्स ने उन्हें नया जीवनदान दिया है और दिल्ली एम्स अब उनके परिवार का एक हिस्सा बन चुका है.
फिर से पर्वतों पर चढ़ाई करना चाहते हैं अनुराग
इस भयानक हादसे के बाद भी अनुराग की हिम्मत नहीं टूटी. अनुराग एक पर्वतारोही हैं और फिर से वह पूरी तरीके से ठीक होने के बाद दोबारा पर्वतों पर चढ़ाई करना चाहते हैं. दिल्ली एम्स के डॉक्टरों का भी कहना है कि कुछ सालों बाद अनुराग दोबारा पर्वतों की चढ़ाई कर सकते हैं.