5 से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर के कोरोना टीके को यूरोपीय देशों में मंजूरी मिल सकती है. फाइजर ने जर्मन कंपनी बायोएनटेक के साथ मिलकर कोरोना का टीका बनाया है. कंपनी ने यह टीका बच्चों को लगाने की इजाजत मांगी है.
फाइजर के इस टीके का 2 हजार 268 बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया है. 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए Comirnaty नाम के इस टीके के इस्तेमाल को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. यूरोपीयन यूनियन इस टीके के 2 और जगहों पर निर्माण की मंजूरी दे चुका है. यह टीका बड़े लोगों पर कारगर पाया गया है.
ईएमए ने कहा Comirnaty वैक्सीन के लिए चल रहे अध्ययन के परिणामों सहित अन्य डेटा की वो समीक्षा करेगा. वैक्सीन को पहले से ही यूरोपीयन यूनियन और संयुक्त राज्य अमेरिका में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों पर उपयोग के लिए अधिकृत किया गया है.
कैसे काम करेगा Comirnaty टीका?
Comirnaty में प्रोटीन बनाने के निर्देश के साथ मैसेंजर आरएनए (एमआरएनए) नामक एक अणु होता है, जिसे स्पाइक प्रोटीन के रूप में जाना जाता है. यह स्वाभाविक रूप से SARS- CoV-2 में मौजूद होता है, जिसके कारण कोरोना होता है. यह वैक्सीन शरीर को SARS- CoV-2 से बचाव के लिए तैयार करने का काम करती है.
5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों पर कारगर
दवा निर्माताओं कंपनी ने पिछले महीने कहा था कि नई mRNA तकनीक पर आधारित टीके के दो-शॉट 2268 प्रतिभागियों को दिए गए और पाया गया कि 5 से 11 साल के बच्चों में यह एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने में सफल पाया गया. फाइजर और जर्मन पार्टनर बायोएनटेक ने पिछले हफ्ते छोटे बच्चों के लिए कॉमिरनेटी पर डेटा जमा किया था. चूंकि बच्चे गंभीर कोविड -19 के प्रति कम संवेदनशील होते हैं, लेकिन वो कोरोनोवायरस को दूसरों में फैला सकते हैं, जिन्हें गंभीर बीमारी का खतरा अधिक होता है.
बूस्टर डो़ज पर भी विचार
बच्चों का टीकाकरण करने के साथ-साथ नियामक और दवा निर्माता कमजोर लोगों के लिए बूस्टर खुराक पर भी विचार कर रहा है. इसके लिए उत्पादन बढ़ाने और वायरस से सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.