हर चौथा शख्स बना Youtube Content Creator, कोई नहीं बचा किसी वीडियो का हिस्सा बनने से.. शहर नहीं भारत का एक गांव है ये

छत्तीसगढ़ के तुलसी गांव में यूट्यूब वीडियो से जरिए लोग सामाजिक जागरूकता फैला रहे हैं. साथ ही अपनी फाइनेंशियल कंडीशन को भी बेहतर बना रहे हैं.

Creating Video (Representative Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

यूट्यूब का इस्तेमाल भारत में बड़े पैमाने पर हो रहा है. यहां लोग केवल वीडियो और रील को देख ही नहीं बल्कि बना कर अच्छी खासी मोटी कमाई कर रहे है. इस प्लेटफॉर्म हर किस्म का कंटेंट मौजूद रहता है. फिर चाहे वो कुकिंग से जुड़ा हो या गेमिंग से. और ऐसा भी नहीं कि सिर्फ बड़े-बड़े शहरों के ही लोग कंटेंट बना रहे हैं. बल्कि छोटे शहरों के लोग भी इस दौड़ में चल पड़े हैं.

छत्तीसगढ़ के रायपुर के पास एक गांव है, जिसका नाम तुलसी है. अब आप यह सोचेंगे कि इसमें क्या खास बात है. यहां की खास बात है कि हर चौथा शख्स यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएटर हैं. साथ ही लगभग गांव का हर शख्स किसी वीडियो का हिस्सा रह चुका है.

हो सकता है आपको लगे कि यूट्यूब पर वीडियो डालना कौनसी बड़ी बात है. बेशक बड़ी बात नहीं, लेकिन 125 हजार सब्सक्रइबर और 2600 लाख घंटे से ज्यादा का वॉचटाइम तो बड़ी बात है ही. ये नंबर किएटर्स की एक जोड़ी के हैं, जो महीने का लगभग 30 हजार यहां से कमा रही है.

आर्थिक सहायता ही नहीं, मिल रहा सामाजिक लाभ 
4000 लोगों के इस गांव में लोग इस तरह से वीडियो बना पैसे तो कमा ही रहे है, लेकिन वह समाज में संदेश भी दे रहे हैं. इस माध्यम से गांव में समानता फैल रही है. साथ ही कई महिलाएं भी यूट्यूब के जरिए से तकनीक को सीख रही हैं और आगे बढ़ रही हैं.

गांव के एक युवक का कहना है कि गांव में बनने वाले यह वीडियो बच्चों को भी बुरी आदतों से दूर रखने में काफी कारगर साबित हो रहे हैं. वीडियो जिस तरह के गांव में बनाए जाते हैं वह हंसी-मजाक के तो होते ही हैं, लेकिन उनमें एक सकारात्मक संदेश भी होता है.

मोबाइल से कैमरा का सफर
लोग पहले जहां वीडियो के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते थे. लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने यूट्यूब से ही सीखा कि किस तरह कैमरे का इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही किस तरह कैमरा एंगल सेट कर तस्वीर और बेहतर बन सकती है. उन्होंने अपना यह सीखने का सफर खुद यूट्यूब से सीखा. 

महिलाओं का सशक्तिकरण
गांव के सरपंच का कहना है कि इस प्रकार के वीडियो से महिलाओं का सशक्तिकरण भी हो रहा है. वह बताती हैं कि किस प्रकार महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार होती थीं. लेकिन यूट्यूब पर जानकारी से उन्हें पता चल पाया है कि इस प्रकार की घरेलू हिंसा का वह कैसे सामना कर सकती हैं और इससे लड़ सकती हैं.

 

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