Gorakhpur में खो गया London से आए सैलानी का लाखों का सामान, फिर पुलिस ने जो किया... वाहवाही लूट ली

इस मामले में एसपी सिटी कृष्णा कुमार बिश्नोई ने बताया कि क्रिस एक ऑटो रिक्शा में बैठे थे जहां वह अपना बैग भूल गए. इसी बैग में क्रिस के कैमरों के अलावा उनका लैपटॉप भी था.

Chris Jones
gnttv.com
  • गोरखपुर,
  • 28 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 9:01 PM IST
  • लंदन के रहने वाले हैं क्रिस जोन्स
  • पेशे से हैं आर्कियोलॉजिस्ट

यूं तो पुलिस का नाम अकसर अड़ियल चाल-चलन और सख्त रवैया के साथ जोड़ा जाता है. लेकिन यूनाइटेड किंंगडम (United Kingdom) से उत्तर प्रदेश आए क्रिस जोन्स गोरखपुर पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहे. गोरखपुर पुलिस के साथ उनका अनुभव कुछ ऐसा रहा है जो शायद उन्हें जीवन भर याद रहेगा.
क्रिस मूलतः लंदन के रहने वाले हैं. वह अपने आप को पुरातत्वविद (Archaeologist) बताते हैं और रिसर्च के लिए भारत आए हैं. 

कुछ दिनों पहले क्रिस वाराणसी में थे. वह मंगलवार को वाराणसी से गोरखपुर आए थे. यहां से वह नेपाल जाने वाले थे कि तभी अचानक गोरखपुर में उनका कैमरों से भरा बैग खो गया. क्रिस की मानें तो उनके बैग में महंगे कैमरों के अलावा उनकी रिसर्च के दौरान इकट्ठा की गई जानकारी भी थी. अपने सफर का पूरा हासिल खो जाने के कारण क्रिस बहुत ज्यादा चिंतित थे. क्रिस बेहद हताश हो गए थे लेकिन गोरखपुर पुलिस उनके लिए मसीहा बनकर सामने आई. 

पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मिला सामान
अपना बैग खोने के बाद क्रिस गोरखपुर कैंट थाने पहुंचे. यहां क्रिस की शिकायत मिलते ही गोरखपुर पुलिस विदेशी मेहमान की मदद के लिए सक्रिय हो गई. कुल तीन से चार घंटे के भीतर क्रिस का बैग सीसीटीवी कैमरे की मदद से ढूंढ लिया गया. इस दौरान क्रिस को पुलिस थाने में बैठाकर चाय पिलाई गई और थोड़ी ही देर में उनका बैग उनके हवाले कर दिया गया.
उस बैग को पाकर क्रिस फूले नहीं समाए और गोरखपुर पुलिस की तारीफ के पुल बांधने लगे. उन्होंने कहा कि वह भारत से बहुत अच्छी यादें लेकर जा रहे हैं. 

क्या कहती है पुलिस
इस मामले में एसपी सिटी कृष्णा कुमार बिश्नोई ने बताया कि क्रिस एक ऑटो रिक्शा में बैठे थे जहां वह अपना बैग भूल गए. इसी बैग में क्रिस के कैमरों के अलावा उनका लैपटॉप भी था. इसी लैपटॉप में क्रिस की रिसर्च से जुड़ी सारी जानकारी मौजूद थी. क्रिस को अपना सामान सही सलामत मिल गया है. वह नेपाल के लिए रवाना हो चुके हैं.  

(रवि गुप्ता की रिपोर्ट)

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