जायडस कैडिला फार्मा कंपनी की ओर से तैयार की जा रही जायकोव-डी वैक्सीन अब प्राइवेट अस्पतालों में भी उपलब्ध होगी. जायडस कैडिला फार्मा कंपनी की ओर से तैयार की जा रही जायकोव-डी दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है. इसे 12 साल से अधिक आयु के किशारों के लिए तैयार किया गया है. जायकोव-डी कोरोना से लड़ने में 66.6 फीसद सक्षम मानी जा रही है. कंपनी ने इस वैक्सीन का 28 हजार लोगों पर ट्रायल किया है. कोविड-19 जायकोव-डी की तीन डोज लगाई जाएंगी, जो निशुल्क होंगी. कंपनी ने भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर कोविड सुरक्षा अभियान के तहत डीएनए आधारित वैक्सीन पर शोध किया था. कंपनी की प्रत्येक माह एक करोड़ वैक्सीन उत्पादन की क्षमता है.
बच्चों को लगाई जाएंगी तीन डोज
बच्चों को जायकोव-डी की तीन डोज लगाई जाएंगी. दूसरी डोज 28 और तीसरी 56 दिन बाद लगेगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इस तकनीक को फार्मा जेट नीडल फ्री एप्लीकेटर कहा जाता है. इस तकनीक की खास बात ये भी है कि इस तकनीक से लगने वाले इंजेक्शन के साइड इफेक्ट काफी कम होते हैं. दवा को बिना सुई वाले इंजेक्शन में भरा जाता है और मशीन में लगाकर बाजू पर लगाया जाता है. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही देशभर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैक्सीन का अभियान शुरू किया जाएगा. जायडस कैडिला फार्मा कंपनी की ओर से तैयार की गई डीएनए वैक्सीन जायकोव-डी के सैंपल जांच के लिए आए हैं. कंपनी से लाइसेंस व अन्य औपचारिकतांए पूरी करवाई जा रही हैं. इसके बाद सैंपल की जांच शुरू की जाएगी.
भारत में निर्मित रूसी कोविड वैक्सीन Sputnik Light का होगा एक्सपोर्ट
सरकार ने घरेलू स्तर पर निर्मित रूस की सिंगल डोज वाली कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के एक्सपोर्ट की इजाजत दे दी है. इस वैक्सीन को अभी भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी गई है. भारतीय दवा कंपनी हेटेरो बायोफार्मा लिमिटेड को रूस को स्पुतनिक लाइट की 40 लाख डोज निर्यात करने की अनुमति दी गई है.
रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के कंपोनेंट-1 जैसी है स्पुतनिक लाइट
स्पुतनिक लाइट रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के कंपोनेंट-1 के जैसी है. भारत के दवा नियामक ने अप्रैल में स्पुतनिक वी के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी थी. इसके बाद से भारत में एंटी-कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत में हेटेरो बायोफार्मा स्पुतनिक लाइट की मैन्यूफैक्चरिंग करती है. रूसी राजदूत निकोलाय कुदशेव ने भारत सरकार से स्पुतनिक लाइट को तब तक रूस में निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया था, जब तक इस टीके को भारत में ड्रग रेगुलेटर की ओर से आपात इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिल जाती.'सरकार ने भारतीय दवा कंपनी हेटेरो बायोफार्मा को रूस को स्पुतनिक लाइट की 40 लाख डोज निर्यात करने की अनुमति दी है. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इस सप्ताह निर्णय लिया गया'.