उत्तर प्रदेश सरकार ने बाढ़ की मार जेल रहे किसानों को राहत देने का फैसला किया है. प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में फसल के नुकसान का सामना करने वाले राज्य के 35 जिलों में भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की ठानी है. जिसके चलते सरकार ने बुधवार को 77 करोड़ 88 लाख रुपये से अधिक के विशेष राहत पैकेज को मंजूरी दी है. इससे उत्तर प्रदेश के करीब 2 लाख 35 हजार किसानों को फायदा होगा. सरकार ने फसल नुकसान का आंकलन कर राहत पैकेज का ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में फसल मुआवजे के आकलन की प्रगति की समीक्षा भी की. इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि बाढ़ और भारी बारिश से कृषि फसलों को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. 35 जिलों लगभग 2 लाख 40 हजार किसानों कि फसलें खराब हुई हैं, जो मुआवजे के हकदार हैं.
इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत देने का निर्देश दिया था. सरकार ने स्पष्ट किया है कि बाढ़ और वर्षा प्रभावित किसानों को कुल 77,88,96,748 करोड़ रुपये का वितरण किया जा रहा है. आकड़ों की बात करें तो देवरिया जिले में सबसे ज्यादा 37,848 किसानों ने बारिश की मार झेली है, जबकि सबसे कम नुकसान श्रावस्ती जिले में हुआ है. वहीं सीएम ने आश्वासन दिया है कि एक भी किसान मुआवजे से वंचित न रह जाएगा. सभी को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाएगा.
सितंबर और अक्टूबर की शुरुआत में मूसलाधार बारिश और भारी बाढ़ के कारण यहां के किसानों की फसल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. किसानों को मिलने वाला मुआवजा, जिला कोषागार से सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा. प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर राज्य सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) से वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है.