मक्का मस्जिद में खत्म हुआ लॉकडाउन, पहली बार नमाज़ अदा करते दिखे नमाज़ी

कोरोना महामारी के बाद ये पहली बार था जब 'मस्जिद अल-हरम' में नमाजियों को कंधे से कंधा मिलकार नमाज पढ़ते देखा गया. लेकिन मस्जिद में सिर्फ उन लोगों को आने की मंजूरी है, जिन्होंने कोरोना के टीके लगवा लिए हैं. इसके अलावा मस्जिद के अंदर उन्हें मास्क पहनकर रखना होगा. हालांकि, काबा तक पहुंचने की मंजूरी नहीं होगी.

मक्का मस्जिद की तस्वीर
नाज़िया नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST
  • मक्का मस्जिद में खत्म की गई सोशल डिस्टेंसिंग
  • बड़ी तादाद में नामाजियों ने पढ़ी नमाज़

सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का की 'मस्जिद अल-हरम'  में आज लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर नमाज पढ़ी. कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिला, क्योंकि अब मस्जिद में सोशल डिस्टेंसिंग को हटा दिया गया है. 

मक्का में अब 'नो सोशल डिस्टेंसिंग'

मस्जिद के अधिकारियों ने बताया कि ' बड़ी तादाद में मस्जिद में लोगों को आने की इजाजत दे दी गई है, साथ ही मस्जिद के चारों तरफ तैनात किए गए उन कर्मचारियों को भी हटा दिया गया है जिन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की देखरेख करने के लिए तैनात किया गया था, और मस्जिद में नमाजियों को नमाज अदा करने देना पूरी तरह से हमारे फैसले के मुताबिक है'

लंबे वक्त के बाद नमाज़ियों ने पढ़ी नमाज़

कोरोना महामारी के बाद ये पहली बार था जब 'मस्जिद अल-हरम' में नमाजियों को कंधे से कंधा मिलकार नमाज पढ़ते देखा गया. लेकिन मस्जिद में सिर्फ उन लोगों को आने की मंजूरी है, जिन्होंने कोरोना के टीके लगवा लिए हैं. इसके अलावा मस्जिद के अंदर उन्हें मास्क पहनकर रखना होगा. हालांकि, काबा तक पहुंचने की मंजूरी नहीं होगी.

टीका लगवा चुके लोग ही जा सकते हैं मस्जिद में 

सऊदी अरब ने अगस्त में ऐलान किया था कि कोरोना के टीके ले चुके उमराह करने के इच्छुक विदेशी नागरिकों के आवेदन पर विचार करना शुरू किया जाएगा. उमराह पूरे साल में कभी भी किया जा सकता है. कोविड-19 की वजह से उमराह और हज दोनों रोक दिए गए थे.  सऊदी अरब को 'उमराह' से पैसों की बड़ी आमदनी होती है.  इनसे करीब सालाना 12 बिलियन डॉलर की कमाई होती है.

सऊदी प्रेस एजेंसी ने ये भी बताया कि पूरी तरह से टीका लगवा चुके खेल प्रशंसकों को सभी स्टेडियमों और दूसरे खेल कार्यक्रमों में भाग लेने की मंजूरी दी गई है. यह भी कहा गया है कि ज्यादातर खुली जगहों पर मास्क लगाना अब जरूरी नहीं है. सऊदी अरब में अब तक 547,000 से ज्यादा कोरोनावायरस मामले और 8,760 मौतें दर्ज की गई हैं.

 

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