जाको राखे साइयां मार सके न कोय, यह कहावत एक नवजात बच्चे पर एकदम सही बैठती है. कुंवारी मां ने लोक-लाज के डर से नवजात को झाड़ियों में फेंक दिया. फिर भी उस बच्चे की जान बच गई.
दरअसल, यह दिलदहला देने वाली घटना गुजरात के अहमदाबाद में सामने आई है. एक नवजात शिशु को उसकी मां ने शीलज गांव के रोहीतवास में झाड़ियों के पास फेंक दिया था. नवजात शिशु खुले में पड़ा था और उसके आसपास कुत्ते भौंक रहे थे. इसी दौरान वहीं पास में रहने वाली श्वेता नाम की महिला ने उस बच्चे को देखा. श्वेता ने तुरंत खून से लथपथ नवजात को हॉस्पिटल में पहुंचाया और इसकी सूचना पुलिस को दी.
पुलिस को हाथ लगा था दुपट्टा
अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस मौके पर पहुंची. नवजात को आईसीयू में ले जाया गया. डॉक्टरों ने नवजात के समय पर पहुंचने के कारण उसकी जान बचा ली. नवजात की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस स्टाफ को हॉस्पिटल में तैनात किया गया है. उधर, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. पुलिस उस स्थान पर पहुंची जहां, नवजात को फेंका गया था. पुलिस को वहां से एक दुपट्टा हाथ लगा.
पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए डॉग स्क्वॉड की मदद ली. डॉग स्क्वायड में शामिल चेजर नाम के बेल्जियन नस्ल के कुत्ते को उस दुपट्टा को सुंघाया. इसके बाद डॉग ने कमाल दिखाते हुए नवजात की मां को खोज निकाला. मां ने अपने घर से 500 मीटर की दूरी पर नवजात को झाड़ियों में फेंक दिया था.
बदनामी के डर से फेंक दिया था
पुलिस की जांच में सामने आया है कि नवजात को जन्म देने के बाद महिला ने उसे बदनामी के डर से फेंक दिया था. महिला का एक युवक के साथ प्रेस प्रंसग था. इसी दौरान उसे गर्भ हो गया था. पुलिस के अनुसार महिला राजस्थान की रहने वाली है. पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने बच्चे की जान बचाने वाली श्वेता के साथ इस मामले में अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस की भूमिका की तारीफ की है.