7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! केंद्र सरकार ने DA के बाद अब Gratuity लिमिट 20 लाख रुपए से बढ़ाकर की इतनी 

Retirement Gratuity: ग्रेच्युटी एक विशेष रकम है, जो कंपनी अपने कर्मचारियों को देती है. ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के अनुसार कर्मचारी जब किसी एक ही संस्थान में पांच साल तक काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार होता है. इस योजना का लाभ सरकारी और निजी कर्मचारियों मिलता है.

Increase in Gratuity
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2024,
  • अपडेटेड 10:14 PM IST
  • ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी 1 जनवरी 2024 से मानी जाएगी प्रभावी 
  • लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को होगा फायदा

केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी है. डीए (DA Hike) में बढ़ोतरी के बाद अब ग्रेच्युटी (Gratuity) बढ़ाने का निर्णय लिया है. इससे केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा.

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले महंगाई भत्ते में 4 फीसदी बढ़ोतरी के बाद अब रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी की रकम में 25 फीसदी का इजाफा किया है. इससे ग्रेच्युटी की लिमिट 20 लाख से 25 लाख रुपए हो गई है. यह बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी मानी जाएगी.

अब इतनी मिलेगी ग्रेच्युटी
केंद्र सरकार की ओर से 30 मई 2024 को जारी कार्यालय सर्कुलर (ओएम) के अनुसार 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों और सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 2021 के हिसाब से रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी में 25 फीसदी इजाफा किया जा रहा है. अब केंद्रीय कर्मचारियों को 25 लाख रुपए ग्रेच्युटी मिलेगी. इससे पहले ग्रेच्युटी में इजाफा करने का फैसला 30 अप्रैल को किया गया था. लेकिन 7 मई को सर्कुलर जारी करते हुए इस पर रोक लगा दी गई थी.

डीए में मार्च में किया था इजाफा
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में 4 फीसदी इजाफा मार्च 2024 में किया था. बढ़ा हुआ डीए 1 जनवरी 2024 से लागू करने का ऐलान किया था. डिअरनेस अलाउंस और डिअरनेस रिलीफ में हुए इजाफे के चलते लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को राहत मिली थी. केंद्र सरकार के इस फैसले का अनुसरण करते हुए कई राज्य सरकारों ने भी चुनाव से पहले अपने-अपने कर्मचारियों का डीए बढ़ा दिया था.

क्या है ग्रेच्युटी 
ग्रेच्युटी एक विशेष रकम है, जो कंपनी अपने कर्मचारियों को देती है. ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के अनुसार कर्मचारी जब किसी एक ही संस्थान में पांच साल तक काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार होता है. इस योजना का लाभ सरकारी और निजी कर्मचारियों मिलता है. ग्रेच्युटी की रकम कर्मचारी की सेवा समाप्ति, मृत्यु या इस्तीफे पर ही मिलती है. किसी भी कंपनी में यदि 10 या इससे ज्याद कर्मचारी हैं तो उसे अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देना होता है. ये नियम कंपनियों के साथ दुकानों, शोरूम, फैक्ट्री और खदान पर भी लागू होता है. 

ग्रेच्युटी से मिलने वाली रकम होती है टैक्स फ्री
ग्रेच्युटी से मिलने वाली रकम टैक्स फ्री होती है. कंपनी में कार्य करते समय यदि कर्मचारी की मौत हो जाती है तो ग्रेच्युटी की रकम नॉमिनी को मिलती है. यहां 5 साल का नियम लागू नहीं होता है. ग्रेच्युटी की राशि का कैलकुलेशन आखिरी महीने की 15 दिन की सैलरी के आधार पर किया जाता है. इसका फॉर्मूला ग्रेच्युटी = (n*b*15)/26 है. यहां n का मतलब वर्षों से है, जितने साल कर्मचारी ने कंपनी में काम किया है. b का मतलब कर्मचारी की ओर से ली गई आखिरी सैलरी से है, जिसमें डीए और कमीशन को शामिल किया जाता है.

 

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