Indian Women Return Home after 22 Years: पाकिस्तान में भी एक बजरंगी भाईजान! 22 साल बाद इंडिया लौटी हमीदा, जानिए कैसे पहुंची थी पड़ोसी देश

पाकिस्तान के बजरंगी भाईजान (Pakistan Bajrangi Bhaijaan) की वजह से एक भारतीय महिला 22 साल बाद अपने परिवार से मिल पाई. 22 साल पहले एक एजेंट के धोखे की वजह से महिला कराची पहुंच गई थी.

Indian Women Hamida Bano With Pakistani Bajrangi Bhaijaan Wali Ullah Maruf (Photo Credit: Waliullah Maroof / Instagram)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST
  • हमीदा मुंबई की रहने वाली हैं
  • हमीदा 22 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गईं थीं

बॉलीवुड मूवी बजरंगी भाईजान (Bajrangi Bhaijaan) में सलमान खान (Salman Khan) भारत में फंसी एक छोटी बच्ची को पाकिस्तान में उसके परिवार वालों से मिलवाते हैं. असल जिंदगी में मुंबई की हमीदा बानो (Hamida Return India) के लिए मारूफ बजरंगी भाईजान बनकर आए हैं.

75 साल की हमीदा बानो 22 सालों से पाकिस्तान (Hamida Return India From Pakistan) की गलियों की खाक छान रही थीं. वलीउल्लाफ मारूफ की वजह से हमीदा बानो अपने वतन भारत लौट पाई है. हमीदा बानो 22 साल पहले एक फ्रॉड की वजह से पाकिस्तान पहुंच गई थीं.

हमीदा बानो इतने सालों से किसी तरह पाकिस्तान में गुजर-बसर कर रही थीं. हमीदा बानो पाकिस्तान कैसे पहुंचीं और बजरंगी भाईजान की मदद से भारत कैसे लौटीं? आइए इस बारे में जानते हैं.

कैसे पहुंची पाकिस्तान?
हमीदा बानो मुंबई की रहने वाली हैं. हमीदा बानो के चार बच्चे हैं. दो बेटे और दो बेटियां हैं. 2002 में हमीदा बानो के घर के हालात अच्छे नहीं थे. वो बच्चों को अच्छी जिंदगी देना चाहती थीं. तब एक एजेंट ने हमीदा बानो को कतर में नौकरी दिलवाने का वादा. हमीदा बानो के घर वाले इसके खिलाफ थे लेकिन वो नहीं मानी.

हमीदा बानो काम करने के लिए कतर चली गईं. वहां वो शेखों के घर में खाना बनाने का काम करने लगीं. उसी दौरान एजेंट ने अधिक पैसे कमाने के लिए दुबई ले जाने की बात कही. हमीदा बानो ज्यादा पैसों के लालच में जाने को राजी हो गईं. एजेंट हमीदा बानो को पहले दुबई और फिर कराची ले गया. कराची में एजेंट ने हमीदा बानो को अकेला छोड़ दिया. हमीदा बानो पड़ोसी देश में अकेली फंस गईं.

कराची में 22 साल
हमीदा बानो गुजर-बसर करने के लिए कराची की गलियों में टॉफियां बेचने लगीं. हमीदा बानो एक मदरसे के बाहर टॉफी बेचती थी. उस दौरान वली उल्लाह मारूफ उसी मदरसे में पढ़ा करते थे. मारूफ भी हमीदा बानो से अक्सर टॉफियां खरीदते थे.

इसी बीच हमीदा बानो की मुलाकात दार मुहम्मद से हुई. दार मुहम्मद की बीबी मर चुकी थी. दोनों ने शादी कर ली. कुछ साल पहले दार मुहम्मद की मौत हो गई. हमीदा बानो पाकिस्तान में फिर से अकेली हो गई.

पाकिस्तान का बजरंगी भाईजान
हमीदा बानो एक तरफ पाकिस्तान में जिंदगी काट रही थीं. उन्होंने कभी नहीं सोचा कि दोबारा अपने वतन भारत आ पाएंगी. इसी दौरान मारूफ कराची में एक मस्जिद के इमाम और यूट्यूबर भी बन गए. मारूफ 2018 से तस्करी कर पाकिस्तान लाए गए लोगों को उनके देश पहुंचाने में मदद करते हैं.

कुछ साल पहले मारूफ हमीदा बानो से मिले और उनका इंटरव्यू लिया. तब मारूफ को पता चला कि वो भारत की हैं. मारूफ ने ये वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया. ये वीडियो वायरल हो गया. भारत में हमीदा बानो के परिवार को खोजने में इंडियन यूट्यूबर खलफान शेख ने मदद की.

22 साल बाद वतन वापसी
हमीदा बानो के परिवार की पहचान के बाद पाकिस्तान में इंडियन अंबेसी भी हरकत में आ गई. इसके बाद हमीदा बानो और मारूफ लाहौर पहुंचे. इसमें पाकिस्तान की सरकार ने भी मदद की. सोमवार को हमीदा बानो और मारूफ वाघा बॉर्डर तक साथ गए. 

हमीदा बानो ने वाघा बॉर्डर पर वली उल्लाह मारुफ को धन्यवाद किया और विदा ली. अटारी-बॉर्डर पर हमीदा बानो की बेटियां परवीन और यास्मीन उनका इंतजार कर रही थीं. हमीदा बानो 22 साल बाद अपने पाकिस्तान के बजरंगी भाईजान की वजह से बिछड़े परिवार से मिल पाईं. 

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