ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में बेड पर एक ही चादर कई दिनों तक बिछी रहती है. मजबूरी में मरीजों को इसी गंदी चादर पर लेटना पड़ता है लेकिन केरल में अब इस व्यवस्था में बदलाव की कवायद की जा रही है. अब केरल के सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को साफ चादरें मिलेंगी.
कलर-कोड सिस्टम शुरू किया गया
केरल के सरकारी अस्पताल रोजाना वार्ड में चादरें बदलकर एक नया उदाहरण पेश कर रहे हैं. इस प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने के लिए कलर-कोड सिस्टम शुरू किया गया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि मरीजों को हर दिन साफ लिनेन मिले. ऐसा करने से एक बेडशीट की बारी हफ्ते में एक ही बार आएगी. इसके लिए स्वास्थ्य महकमा नई चादरें भी उपलब्ध करा रहा है.
बेडशीट पर लिखी होती है तारीख
इस नई पहल से अस्पताल के बेड भी चादरों के कारण सुंदर दिखाई देंगे. केरल के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बिछी चादरों पर दिन (सोमवार, मंगलवार बुधवार) के नाम प्रिंट कराए गए हैं. ऐसा करने से पता चलता है कि आखिरी बार चादर कब बदली गई थी. आसान भाषा में समझें तो सोमवार को बिछाई गई चादर पर सोमवार लिखा हुआ होगा. केरल प्रशासन की इस पहल से मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी, साथ ही इससे मरीजों को भी अच्छा महसूस होगा. ये सिस्टम केवल स्वच्छता को लेकर नहीं है बल्कि इसका मकसद हर एक रोगी को सुरक्षित, आरामदायक और सम्मानजनक वातावरण देने के बारे में भी है.
आंध्र प्रदेश में भी लागू है ये सुविधा
सोशल मीडिया पर यूजर्स केरल सरकार के इस पहल की सराहना कर रहे हैं. केरल सरकार से पहले आंध्र प्रदेश में 2017 से ही ये सुविधा लागू है. मप्र के इंदौर के सरकारी अस्पतालों में भी 2019 में इसी तरह की सुविधा शुरू की गई थी. दरअसल सरकारी अस्पतालों में जबतक चादर एकदम गंदी न हो जाए या मरीज बेडशीट बदलने की मांग नहीं करें, तब तक उसे बदला नहीं जाता है.
सोशल मीडिया पर लोग कर रहे तारीफ
एक यूजर ने लिखा, रेलवे को भी यही तरीका अपनाना चाहिए. एक यूजर ने लिखा, इसके बजाय चादरों को धोने की तारीख की मोहर लगानी चाहिए. एक अन्य यूजर ने लिखा, वे जल्द ही इस सिस्टम को खराब करने का कोई रास्ता ढूंढ लेंगे या शायद उनके पास पहले से ही है.