Great Initiative: केरल सरकार की शानदार पहल! सरकारी अस्पतालों में बेडशीट पर लिखा होता है दिन का नाम ताकि मरीजों को रोजाना मिले साफ चादर

केरल के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बिछी चादरों पर दिन (सोमवार, मंगलवार बुधवार) के नाम प्रिंट कराए गए हैं. ऐसा करने से पता चलता है कि आखिरी बार चादर कब बदली गई थी.

केरल के सरकारी अस्पतालों में बेडशीट पर लिखी होती है तारीख
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST
  • बेडशीट पर लिखी होती है तारीख
  • आंध्र प्रदेश में भी लागू है ये सुविधा

ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में बेड पर एक ही चादर कई दिनों तक बिछी रहती है. मजबूरी में मरीजों को इसी गंदी चादर पर लेटना पड़ता है लेकिन केरल में अब इस व्यवस्था में बदलाव की कवायद की जा रही है. अब केरल के सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को साफ चादरें मिलेंगी.

कलर-कोड सिस्टम शुरू किया गया
केरल के सरकारी अस्पताल रोजाना वार्ड में चादरें बदलकर एक नया उदाहरण पेश कर रहे हैं. इस प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने के लिए कलर-कोड सिस्टम शुरू किया गया है, जो यह सुनिश्चित करता है कि मरीजों को हर दिन साफ ​​लिनेन मिले. ऐसा करने से एक बेडशीट की बारी हफ्ते में एक ही बार आएगी. इसके लिए स्वास्थ्य महकमा नई चादरें भी उपलब्ध करा रहा है. 

बेडशीट पर लिखी होती है तारीख
इस नई पहल से अस्पताल के बेड भी चादरों के कारण सुंदर दिखाई देंगे. केरल के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बिछी चादरों पर दिन (सोमवार, मंगलवार बुधवार) के नाम प्रिंट कराए गए हैं. ऐसा करने से पता चलता है कि आखिरी बार चादर कब बदली गई थी. आसान भाषा में समझें तो सोमवार को बिछाई गई चादर पर सोमवार लिखा हुआ होगा. केरल प्रशासन की इस पहल से मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी, साथ ही इससे मरीजों को भी अच्छा महसूस होगा. ये सिस्टम केवल स्वच्छता को लेकर नहीं है बल्कि इसका मकसद हर एक रोगी को सुरक्षित, आरामदायक और सम्मानजनक वातावरण देने के बारे में भी है.

The bedsheets in government hospitals (of Kerala) have the day printed on them to ensure they are changed daily. We should all push our state governments to implement things like this on a priority basis.
byu/Upstairs-Bit6897 inindia

 

आंध्र प्रदेश में भी लागू है ये सुविधा
सोशल मीडिया पर यूजर्स केरल सरकार के इस पहल की सराहना कर रहे हैं. केरल सरकार से पहले आंध्र प्रदेश में 2017 से ही ये सुविधा लागू है. मप्र के इंदौर के सरकारी अस्पतालों में भी 2019 में इसी तरह की सुविधा शुरू की गई थी. दरअसल सरकारी अस्पतालों में जबतक चादर एकदम गंदी न हो जाए या मरीज बेडशीट बदलने की मांग नहीं करें, तब तक उसे बदला नहीं जाता है.

सोशल मीडिया पर लोग कर रहे तारीफ
एक यूजर ने लिखा, रेलवे को भी यही तरीका अपनाना चाहिए. एक यूजर ने लिखा, इसके बजाय चादरों को धोने की तारीख की मोहर लगानी चाहिए. एक अन्य यूजर ने लिखा, वे जल्द ही इस सिस्टम को खराब करने का कोई रास्ता ढूंढ लेंगे या शायद उनके पास पहले से ही है.

 

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