दुर्गा पूजा के खास मौके पर गुड न्यूज आई है. 15 साल पहले अलीमुद्दीन स्ट्रीट के पास हिंदू परिवारों के यहां से चले जाने के बाद दुर्गा पूजा भी बंद हो गई थी. मध्य कोलकाता के इस मुस्लिम बहुल इलाके में लगभग 8 परिवार रहते थे. लेकिन 4 परिवारों के यहां से चले जाने के बाद दुर्गा पूजा भी बंद हो गई थी. लेकिन इस साल यहां रहने वाले 3 हिंदू परिवारों ने दुर्गा पूजा को फिर से शुरू करने की इच्छा जाहिर की. जिसे इलाके के मुस्लिम युवकों ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया.
15 से बंद दुर्गा पूजा फिर शुरू हुई
यहां पर रहने वाले हिंदू परिवार बेहद गरीब है. इसलिए पूजा का पूरा खर्च मुस्लिम युवकों ने उठाया. साथ ही इलाके के कुछ और मुस्लिम युवकों ने पंडाल बनाने की जिम्मेदारी भी ली. इतना ही नहीं पूजा पंडाल को देख रेख करने में लगे मुस्लिम युवकों ने मांसाहारी भोजन भी इन दिनों त्याग दिया है. युवकों का कहना है पूजा के दौरान काफी काम करना पड़ रहा है और बार-बार पंडाल में मां के सामने जाना पढ़ता है. इसलिए उन्होंने मास को त्यागने का फैसला लिया है.
मुस्लिम समाज के युवकों की मदद से शुरू हुई दुर्गा पूजा
इलाके के लोगों का कहना है कि ये पूजा सालों पुरानी है. इसके शुरुआत की तारीख तो याद नहीं पर 1960 के आसपास यहां रहनेवाले हिंदू परिवारों ने दुर्गा पूजा शुरू की थी. यहां पर रहने वाले शायन्त का कहना है कि जब वो छोटे थे तो उन्होंने यहां पर पूजा देखी थी. फिर पूजा बंद हो गई जिसकी वजह से उनका मन उदास रहने लगा था. लेकिन जब इस साल इलाके के मुस्लिम युवकों ने दुर्गा पूजा दोबारा शुरू की उससे वो बेहद खुश हैं.
दुर्गा पूजा के फिर शुरू होने से लोगों में उत्साह
चूंकी समय बहुत कम था इसलिए सिर्फ 4 हफ्तों के समय में जी तोड़ मेहनत कर इस पूजा को दोबारा शुरू किया गया और नाम दिया गया शिशुपाल फाउंडेशन दुर्गा पूजा. एक बार फिर से पूजा शुरू होने से इलाके लोग बेहद खुश हैं और मुस्लिम युवकों का धन्यवाद कर रहे हैं.
(इनपुट- अनुपम मिश्रा)