सबसे कम उम्र में नोबल जीतने वाली मलाला ने किया निकाह

नोबेल पुरस्कार विजेता और सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हाई परफॉर्मेंस सेंटर के संचालन प्रबंधक असर मलिक के साथ शादी के बंधन में बंध गई है.

Malala and Asar
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:17 AM IST
  • सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली महिला
  • 'गुल मकई' के नाम से लिखी डायरी 
  • मिले हैं कई अवार्ड 

नोबेल पुरस्कार विजेता और महिलाओं के हक के लिए हमेशा आवाज़ उठाने वाली मलाला यूसुफजई शादी के बंधन में बंध गई हैं. उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हाई परफॉर्मेंस सेंटर के ऑपरेशन मैनेजर असर मलिक के साथ निकाह कर लिया है. इस बारे में उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट साझा किया और लिखा, “आज का दिन मेरे जीवन का एक अनमोल दिन है. असर और मैं जीवन भर के लिए पार्टनर बनने के लिए शादी के बंधन में बंध गए.” उन्होंने आगे लिखा, “हमने अपने परिवारों के साथ बर्मिंघम में घर पर एक छोटा निकाह समारोह मनाया. कृपया हमें अपनी प्रार्थना भेजें. हम आगे की यात्रा के लिए साथ चलने को लेकर उत्साहित हैं."

सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली महिला

मलाला 24 साल की हैं और सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली प्रथम महिला हैं. वह हमेशा से लड़कियों के अधिकारों को लेकर मुखर रही हैं. उन्होंने इंटरनेशनल बेस्ट सेलर बुक, ‘I am Malala’ भी लिखा है. पूरी दुनिया ने उन्हें तब जाना, जब 2012 में उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में तालिबान द्वारा उन्हें सिर में गोली मार दी गई थी. 16 साल की उम्र में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मुख्यालय में ‘शिक्षा में लैंगिक समानता’ की आवश्यकता पर भाषण दिया था.

'गुल मकई' के नाम से लिखी डायरी 

तालिबान की वजह से मलाला और उसकी सहेलियों का बचपना उनसे छीन गया था. इसके बाद  मलाला ने 2009 से 'गुल मकई' के नाम से बीबीसी के लिए डायरी लिखना शुरू किया. इस डायरी में मलाला ने तालिबान के से जुड़े कई संगीन खुलासे किये. इसमें उसने लिखा था कि तालिबान ने उनके टीवी देखने पर रोक लगा दी थी. इससे तालिबानी बौखला उठे. लेकिन कुछ दिनों बाद ही  मलाला के पिता ने सभी को बता दिया कि मलाला ही 'गुल मकई' हैं.

मिले हैं कई अवार्ड 

नोबल पुरस्कार के अलावा मलाला को और भी कई अवार्ड मिल चुके हैं. 19 दिसम्बर 2011 को मलाला युसुफजई को पाकिस्तान सरकार ने अपने राष्ट्रीय शांति पुरस्कार से सम्मानित किया. उन्हें नीदरलैंड के किड्स राइट्स फाउंडेशन द्वारा इंटरनेशनल चाइल्ड पीस अवार्ड से भी नवाज़ा गया. वह वूमन ऑफ द ईयर अवार्ड भी जीत चुकी हैं. मलाला को सम्मानित करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने उनके जन्मदिन यानी 12 जुलाई को मलाला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की.

 

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