यूपी, देश में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. योगी सरकार ने यूपी में डेयरी उद्योग को प्रोत्साहन देने में किसानों की निर्णायक भूमिका सुनिश्चित करने के लिए नंद बाबा मिशन शुरू किया है. इससे न सिर्फ किसानों की आय में इजाफा होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी और गौ पालन के प्रति किसानों का झुकाव फिर से बढ़ने से छुट्टा जानवरों की समस्या से भी निजात मिलेगी. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि योगी सरकार प्रदेश ने के डेयरी किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने एवं स्वदेशी नस्ल की गायों के प्रति उनका रुझान बढ़ाने के लिए नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत Indigenous cow promotion scheme यानी स्वदेशी 'गौ संवर्धन योजना' शुरू की है. इसके तहत डेयरी किसान पंजाब से साहिवाल, राजस्थान से थारपारकर और गुजरात से गिर गाय खरीद सकेंगे. इस पर सरकार उन्हे विभिन्न मदों में सब्सिडी के रूप में 40 हजार रुपये तक की अनुदान राशि प्रदान करेगी.
दो गाय खरीदने पर मिलेगा अनुदान
नंद बाबा मिशन के तहत योगी सरकार ने बाहरी राज्य से गाय लाने पर परिवहन, यात्रा के दौरान गाय का बीमा और यूपी में डेयरी किसान के पास आने के बाद गाय का बीमा कराने में खर्च होने वाली राशि का वहन राज्य सरकार करेगी. ट्रांजिट इंश्योरेंस एवं गाय का इंश्योरेंस कराने समेत अन्य मदों पर खर्च होने वाली धनराशि पर यूपी सरकार सब्सिडी के रूप में डेयरी किसान को वित्तीय मदद देगी.
सरकार ने यह स्पष्ट किया कि यह सब्सिडी गौ पालकों को अधिकतम दो स्वदेशी नस्ल की गायों की खरीद पर दी जाएगी. इसी तरह योगी सरकार स्वदेशी नस्ल की गायों के डेयरी किसानों को CM Progressive Animal Husbandry Promotion Scheme यानी 'मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना' के तहत अलग से प्रोत्साहन राशि देगी. यह धनराशि भी अधिकतम दो स्वदेशी नस्ल की गायों पर दी जाएगी.
योगी सरकार देगी 40 हजार का अनुदान
यूपी के दुग्ध आयुक्त एवं नंद बाबा मिशन के मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि इस मुहिम के तहत प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में उछाल लाने के लिए ज्यादा दूध देने वाली नस्ल की गायों को यूपी के डेयरी किसानों द्वारा पालने पर जोर दिया जा रहा है. इसमें पंजाब से साहिवाल, राजस्थान से थारपारकर और गुजरात से गिर जैसी देशी नस्ल की गाय खरीदने पर ट्रांसपोर्टेशन से संबंधित विभिन्न मदों में कुल व्यय का 40 प्रतिशत एवं अधिकतम 40 हजार रुपये प्रति गाय अनुदान दिया जाएगा. यह धनराशि गौ पालक को गायों को दूसरे राज्य से यूपी में लाने पर पड़ने वाली परिवहन लागत, ट्रांजिट इंश्योरेंस और 3 साल के लिए गाय के इंश्योरेंस के रूप में दी जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के डेयरी किसान को यह अनुदान धनराशि दी जाएगी.
गाय पालने पर भी मिलेगा पैसा
नंद बाबा मिशन के तहत प्रदेश के डेयरी किसानों को उन्नत नस्ल एवं अधिक दूध देने वाली देसी गायों के पालन को प्रोत्साहित करने के लिए योगी सरकार ने 'मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना' शुरू की है. इसके तहत देसी गाय का पालन करने वाले डेयरी किसान को 10 से 15 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है.
इसमें डेयरी किसानों को देशी नस्ल वाली साहीवाल, गिर, गंगातीरी और थारपारकर गाय का पालन करना होता है. गाय पालन के लिए दी जाने वाली राशि अधिकतम दो गायों के पालन पर अनुमन्य है. इस धनराशि को दो भागों में बांटा गया है. इसमें साहिवाल, गिर और थारपारकर गाय द्वारा 8 से 12 लीटर प्रति दिन दूध देने पर 10 हजार रुपये और 12 लीटर से ज्यादा प्रतिदिन दूध देने पर 15 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिये जाएंगे.
वहीं हरियाणा गाय द्वारा प्रति दिन 6 से 10 लीटर दूध देने पर 10 हजार रुपये और 10 लीटर से ज्यादा दूध देने पर 15 हजार रुपये दिये जाएंगे. इसके अलावा गंगातीरी गाय के 6 से 8 लीटर प्रतिदिन दूध देने पर 10 हजार रुपये और 8 लीटर से ज्यादा दूध देने पर 15 हजार रुपये दिये जाएंगे.