बिरसा मुंडा जयंती पर मनेगा जनजातीय गौरव दिवस, मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू करेंगे प्रधानमंत्री

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को मध्य प्रदेश के भोपाल में मशहूर आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 'जनजातीय गौरव दिवस' समारोह का शुभारंभ करेंगे. बिरसा मुंडा को अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करने और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए जाना जाता है. जनजातीय गौरव दिवस महासम्मेलन में प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में कई नई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे.

बिरसा मुंडा
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 14 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:42 AM IST
  • 15 नवंबर को जन्मे थे प्रसिद्द आदिवासी नेता बिरसा मुंडा
  • 15 नवंबर 2000 को हुई थी झारखंड राज्य की स्थापना
  • अब 15 नवंबर को मनाया जाएगा जनजातीय गौरव दिवस

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को मध्य प्रदेश के भोपाल में मशहूर आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 'जनजातीय गौरव दिवस' समारोह का शुभारंभ करेंगे. बिरसा मुंडा को अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करने और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए जाना जाता है. 

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा के मुताबिक पीएम मोदी सोमवार को आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में इस समारोह का नेतृत्व करेंगे. उन्होंने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने के लिए भी प्रधानमंत्री को धन्यवाद किया है. क्योंकि इससे आदिवासियों को एक नया जोश और आत्मविश्वास मिला है. 

नई योजनाएं लॉन्च करेंगे प्रधानमंत्री: 

जनजातीय गौरव दिवस महासम्मेलन में प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में कई नई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे. इस मौके पर 'राशन आपके ग्राम' योजना शुरू की जाएगी. इस योजना का उद्देश्य जनजातीय समुदाय के लाभार्थियों को हर महीने उनके अपने गांवों में पीडीएस राशन का मासिक कोटा पहुंचाना है. ताकि उन्हें राशन लेने के लिए दुकान न जाना पड़े. 

महासम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री मध्य प्रदेश सिकल सेल (हीमोग्लोबिनोपैथी) मिशन के शुभारंभ के अवसर पर लाभार्थियों को आनुवंशिक परामर्श कार्ड भी सौंपेंगे. इस मिशन का उद्देश्य सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया और अन्य हेमोग्लोबिनोपैथी से पीड़ित रोगियों की जांच करना है और इन बीमारियों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है. 

रखी जाएगी एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला: 

साथ ही, इस दिन देश भर में 50 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला भी प्रधानमंत्री द्वारा रखी जाएगी.

प्रधानमंत्री जनजातीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी और मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और नायकों की फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन करेंगे. यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री पुन: विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का भी उद्घाटन करेंगे और मध्य प्रदेश में रेलवे की कई पहलों का शुभारंभ करेंगे.

कौन थे आदिवासियों के 'भगवान' बिरसा मुंडा: 

बिरसा मुंडा एक युवा स्वतंत्रता सेनानी और एक आदिवासी नेता थे, जिन्हें ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए याद किया जाता है. बिहार और झारखंड के आदिवासी इलाकों में जन्मे और पले-बढ़े बिरसा मुंडा की जयंती पर साल 2000 में झारखंड राज्य की नींव रखी गई थी. 

15 नवंबर, 1875 को जन्मे बिरसा को आदिवासी समुदायों में 'भगवान बिरसा मुंडा' का दर्जा दिया जाता है. ब्रिटिश शासन के खिलाफ बिरस का संघर्ष बहुत कम उम्र से ही शुरू हो गया था. 1886 से 1890 की अवधि के दौरान, उन्होंने चाईबासा में काफी समय बिताया, जो सरदारों के आंदोलन के केंद्र के करीब था. 

सरदारों की गतिविधियों का युवा बिरसा के मन पर गहरा प्रभाव पड़ा. 1890 में जब उन्होंने चाईबासा छोड़ा, तब तक बिरसा आदिवासी समुदायों के ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन में मजबूती से शामिल हो गए थे. उनकी गतिविधियों से ब्रिटिश सरकार की रातों की नींदें उड़ गई थीं. 

जल-जंगल-जमीन के आंदोलन का नेतृत्व किया. इसी वजह से लोग उन्हें 'धरती आबा' यानी धरती के पिता कहने लगे. बिरसा थोड़ा-बहुत आयुर्वेद भी जानते थे. वह लोगों की बीमारी पहचानकर जड़ी-बूटियों से इलाज करते थे और इसी कारण लोग उन्हें 'भगवान' मानने लगे. उनके बारे में कहा जाने लगा कि बिरसा जिसे छूते हैं वह ठीक हो जाता है. 

3 मार्च 1900 को, बिरसा को ब्रिटिश पुलिस ने चक्रधरपुर के जामकोपई जंगल में अपनी आदिवासी छापामार सेना के साथ सोते समय गिरफ्तार कर लिया था. 9 जून 1900 को मात्र 25 साल की उम्र में रांची जेल में उनका निधन हो गया. इतनी कम उम्र में देश के स्वतंत्रता संघर्ष में उनके योगदान के कारण ही देश की संसद के संग्रहालय में भी उनकी तस्वीर है. जनजातीय समुदाय में यह सम्मान अभी तक बिरसा मुंडा को ही हासिल हुआ है.

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