स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का शुभारंभ, कितनी बदली है देश में स्वच्छता की तस्वीर?

स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2014 में हुई थी. इसे लेकर कई तरह इंटरनेशनल एजेंसियो ने शोध किए. स्वच्छ भारत मिशन के पहले चरण का सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण इलाकों को मिल. एक अध्ययन के मुताबिक मिशन से हर परिवार को सालाना 53 हजार का फायदा हुआ.

देश में बदल रही है स्वच्छता की तस्वीर (फोटो सोर्स-SBMCMS)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST
  • देश में बदल रही है स्वच्छता की तस्वीर
  • गांव से लेकर शहरों तक पहुंची सफाई
  • शौचालयों का भी ग्रामीण क्षेत्रों में भी हुआ निर्माण

पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण का शुभारंभ किया. पीएम ने अटल मिशन के अगले चरण का भी आगाज़ कर दिया है. सरकार का लक्ष्य शहरों को कचरा मुक्त बनाने का है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि भारत में स्वच्छता एक संस्कार के तौर पर नजर आए. स्वच्छ मिशन के दूसरे चरण में इस बार फोकस शहरों पर रहने वाला है. साथ ही कोशिश है कि शहरों को कचरे से मुक्त किया जा सके. पीएम मोदी ने स्वच्छता मिशन के जरिए देश की मानसिकता को बदला है.

दो अक्टूबर से एक दिन पहले पीएम मोदी स्वस्छता के नए संकल्प के साथ सामने हैं. इस बार लक्ष्य बड़े हैं और चुनौतियां कहीं ज्यादा हैं. मिशन के पहले चरण की सफलता सामने हैं. यही वजह है कि शुक्रवार को पीएम मोदी ने दो बड़े अभियानों को लॉन्च किया है.

स्वच्छता मिशन के दूसरे चरण में तकनीक का लिया जाएगा सहारा

स्वच्छता मिशन के दूसरे चरण में तकनीक का सहारा लिया जाएगा. मिशन पूरी तरह डिजिटल होगा. इस अभियान का लाभ शहरों तक ही सीमित नहीं रहेगा. शहरी सीमाओं से जुड़े गांवों तक भी सुविधा पहुंचाने की कोशिश होगी. खास बात ये है कि इस मिशन में निजी क्षेत्र की भी हिस्सेदारी होगी.

स्वच्छ भारत से कितनी बदली देश की तस्वीर?

स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2014 में हुई थी. इसे लेकर कई तरह इंटरनेशनल एजेंसियों ने शोध किए. स्वच्छ भारत मिशन के पहले चरण का सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण इलाकों को मिला. एक अध्ययन के मुताबिक मिशन से हर परिवार को सालाना 53 हजार का फायदा हुआ.

स्वच्छता की वजह से बीमारी में आई कमी

स्वच्छता की वजह से लोग बीमार कम पड़े और उनके इलाज का पैसा बचा. स्वच्छता की वजह से डायरिया जैसे मामलों में 55 फीसदी की कमी आई. साफ सफाई में लगने वाला वक्त कम हुआ, जिसका इस्तेमाल लोगों ने दूसरी जगह किया. अभियान में जितनी लागत लगी, अलग-अलग तरीकों से 4.3 गुना बचत की गई.

आर्थिक तौर पर भी मिला लाभ

स्वच्च भारत मिशन से गरीबों को अप्रत्यक्ष रुप से आर्थिक फायदा मिला. घरेलू शौचालयों ने एक तरह से ग्रामीण महिलाओं की जिदंगी बदल डाली. एक आंकड़े के मुताबिक 91 फीसदी महिलाओं ने हर दिन एक घंटा बचाया. स्कूलों में छात्राओं के अलग शौचालय से भी तस्वीर बदली. 

लड़कियों के कॉलेज ड्रॉप आउट में आई कमी

आंकड़ो के मुताबिक स्कूलों में शौचालय से लड़कियों के ड्रॉप आउट में काफी कमी आई. यही वजह रही कि विश्व स्वास्थ्य संगठन तक ने सरकार के स्वच्छ भारत मिशन की तारीफ की. वहीं आज प्रधानमंत्री मोदी स्वच्छ भारत मिशन(शहरी) और शहरी परिवर्तन के लिए 'अमृत' यानी अटल मिशन के दूसरे चरण का शुभारंभ किया है.

शहर-गांवों को किया जाएगा कचरा मुक्त

शहरों को कचरा मुक्त बनाने और जल सुरक्षा देने वाले दो अहम मिशन की शुरुआत होगी. इसके तहत कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन का इंतजाम किया जाएगा. साथ ही शहरों में हर घर को नल कनेक्शन से जोड़ा जाएगा. जल संरक्षण की शुभ मुहिम भी इस अभियान का ही हिस्सा है. इसके तहत शहर के सीवेज के पानी को साफ कर दोबारा इस्तेमाल करने योग्य बनाया जाएगा.

जल संरक्षण पर रहेगा केंद्र का जोर

दूसरे चरण में जल संरक्षण पर विशेष जोर रहेगा. औद्योगिक इकाइयों की 40 फीसदी पानी की मांग को ट्रीटेड सीवेज वॉटर से पूरा किया जाएगा. इतना ही नहीं सीवेज के रिसाइकल वॉटर का उपयोग शौचालयों के फ्लश के लिए भी किया जाएगा. पानी की कमी को पूरा करने के मकसद से सरकार शहरों का जल सर्वेक्षण भी कराएगी.

पानी बचाने का शुरू होगा मिशन

देश के 10 शहरों में पहले से ही इससे जुड़ा पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. हिन्दुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया पीने के पानी के गंभीर संकट से जूझ रही है. लिहाजा इस दिशा में काम करने का ये बिल्कुल सही वक्त है. यकीनन ऐसे अभियान आने वाले वक्त में भारत को नई पहचान देंगे. साथ ही सेहत और विकास का शुभ आधार भी.

 

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