बैंक में लोग पैसे जमा करने या निकालने के लिए जाते हैं. आपने ब्लड बैंक या फूड बैंक के बारे में भी सुना होगा. लेकिन कभी भी आपने किसी को बैंक में साड़ी लेने के लिए जाते देखा है? जी हां, बैंक में साड़ी? गुजरात के एक गांव में ऐसा ही बैंक खुला है जहां साड़ियां मिलेंगी. यहां पहला साड़ी बैंक शुरू किया गया है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाएं भी शुभ प्रसंग में महंगी साड़ियां पहन सके.
गुजरात के आनंद जिले के मिनी पेरिस कहे जाने जाने वाले गांव भादरण में साड़ी बैंक की शुरुआत हुई है. जी हां, साड़ी बैंक. आज के महंगाई के जमाने में गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाएं अपने कोई शुभ प्रसंग में महंगी साड़ी पहन सके, इसके लिए कंकुबा पुस्तकालय में NRI दाता के सहयोग से बैंक की शुरुआत की है. जिसमे भादरण गांव और उसके आसपास के गांव की महिलाएं शुभ प्रसंग में पहनने के लिए इस साड़ी बैंक से साड़ी ले सकती है. पहनने के बाद इन साड़ियों को बैंक में जमा कराना होता है.
3०० से ज्यादा साड़ियां बैंक में रखी गई हैं
भादरण गांव के NRI परिवार ने अमेरिका के अलग अलग शहर में रहते गुजराती परिवारों से 2०० से ज्यादा साड़ियां दान में इकठा की. साथ में 1०० साड़ियां भादरण गांव की महिलाओ के पास से इकट्ठा कर तक़रीबन 3०० से भी ज्यादा साड़ियां बैंक में रखी गई हैं. ये साड़ियां भादरण और पास के गांव की महिलाओ को मुफ्त में दी जाएंगी. लेकिन साड़ी का इस्तेमाल करने के बाद उसको ड्रायक्लीन करा कर वापस करना होगा. साड़ी वापस देने के बाद भी कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा.
कोरोना काल में पिछले 2 साल से लोग आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे है. ऐसे हालात में किसी शुभ प्रसंग, शादी, पार्टी में महंकिसी शुभ प्रसंग, शादी, पार्टी में महंगी साड़ी खरीदने के लिए पैसे न हों या बजट कम हो तो ऐसे में साड़ी बैंक की मदद ली जा सकती है. ऐसी ही शुरुआत भादरण गांव में NRI और भादरण के स्थानीय लोगों ने मिलकर साड़ी बैंक की शुरुआत की है. गी साड़ी खरीदने के लिए पैसे न हों या बजट कम हो तो ऐसे में साड़ी बैंक की मदद ली जा सकती है. ऐसी ही शुरुआत भादरण गांव में NRI और भादरण के स्थानीय लोगों ने मिलकर साड़ी बैंक की शुरुआत की है. यह बैंक गरीब वर्ग की महिलाओ के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं साबित होगा.