रवि और खरीफ की फसलों को अलविदा कह बागवानी कर परिवार में खुशहाली लाने वाले गुरुग्राम के मॉडडौला के सतीश सहरावत ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. इससे उनकी करोड़ों रुपए की कमाई हो रही है. सतीश की माने तो पहले वह रवि और खरीफ की फसल ही बोया करते थे. उन फसलों में कोई खास आमदनी नहीं होती थी. लेकिन उसके बाद उन्होंने फलों की खेती की और अब करोड़ों रुपए कमा रहे हैं.
कृषि विभाग से नहीं मिली मदद, फिर भी नहीं मानी हार-
रवि और खरीफ की फसलों में आमदनी नहीं होने पर सतीश ने फलों के बाग लगाने की शुरुआत की. पहले दो एकड़ में कुछ फलों के पौधे लगाए,लेकिन अनुभव की कमी के चलते पौधे खराब हो गए. उन्होंने जब कृषि विभाग से मदद मांगी तो विभाग ने यह कह मना कर दिया कि वो जिन फलों के पौधे लगाने की बात कर रहे हैं, वो गुरुग्राम की जमीन पर नहीं लग सकते.
दिल्ली में ट्रेनिंग के बाद शुरू की खेती-
उसके बाद वे दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट पहुंचे और वहां से ट्रेनिंग ली. इसके बाद देश के कई राज्यों का दौरा किया और फलों की जानकारी लेने के बाद अपनी जमीन पर आम, किन्नू, अनार, नींबू और चीकू के पौधे लगाए. सतीश की माने तो गुरुग्राम का मौसम उनकी फसल के लिए बेहद कारगर साबित हुआ. फलों की क्वालिटी भी अच्छी हुई और स्वाद भी बढ़ गया. बागवानी के साथ-साथ वह अपनी जगह में सब्जियां भी लगाते हैं. टमाटर, पेठा, घीया, ब्रोकली तक लगते हैं. इस काम मे उन्हें अब आमदनी भी अच्छी हो रही है और नई से नई तकनीक के बारे में जानकारी भी मिल रही है. वह अपने फार्म पर ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. किसी भी तरह के पेस्टीसाइड का इस्तेमाल वह किसी भी पौधे पर नहीं कर रहे हैं.
उनकी ज्यादातर सब्जियां स्टाल पर ही बिक जाती हैं. जो बच जाती हैं, उनको मंडी में बेच देते हैं. सतीश अपने आसपास के किसानों को भी खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
(गुरुग्राम से नीरज वशिष्ठ की रिपोर्ट)
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