IPS Shakti Mohan Awasthi: बचपन में देखा सिविल सर्विस का सपना, 25 की उम्र में बने आईपीएस, फिर किया 40,000 करोड़ के जीएसटी घोटाले का खुलासा... जानिए कौन हैं शक्ति मोहन अवस्थी

शक्ति मोहन अवस्थी का बचपन चोर-पुलिस के खेल से शुरू हुआ. इसमें वह हमेशा पुलिस बनना पसंद करते थे. यह खेल उनके जीवन का हिस्सा बन गया और उन्होंने इसे अपने करियर का लक्ष्य बना लिया. फिर 25 साल की उम्र में शक्ति ने यूपीएससी परीक्षा पास कर अपने सपने को साकार किया और नोएडा के डीसीपी क्राइम बने.

Shakti Mohan Awasthi
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 8:19 AM IST
  • 25 साल में यूपीएससी परीक्षा पास कर बने नोएडा के डीसीपी
  • पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए की लाइब्रेरी की स्थापना

शक्ति मोहन अवस्थी की कहानी एक बच्चे के सपने से शुरू होती है और एक युवा के संघर्ष से होते हुए एक आईपीएस अधिकारी की प्रेरणादायक यात्रा तक पहुंचती है. 25 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास कर नोएडा के डीसीपी क्राइम बनने वाले शक्ति मोहन ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया और उन्हें पार किया है. आइए जानते हैं उनके जीवन की कहानी.

बचपन में देखा सपना किया साकार
शक्ति मोहन अवस्थी का बचपन चोर-पुलिस के खेल से शुरू हुआ. इसमें वह हमेशा पुलिस बनना पसंद करते थे. यह खेल उनके जीवन का हिस्सा बन गया और उन्होंने इसे अपने करियर का लक्ष्य बना लिया. फिर 25 साल की उम्र में शक्ति ने यूपीएससी परीक्षा पास कर अपने सपने को साकार किया और नोएडा के डीसीपी क्राइम बने.

यूपीएससी इंटरव्यू का अनोखा सवाल 
यूपीएससी इंटरव्यू ऐसी जगह है जहां अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं. यहां लोगों की बोलती बंद हो जाती है लेकिन शक्ति मोहन ने इस सीट पर ऐसी बात कही जिसने पैनल को काफी प्रभावित किया. दरअसल शक्ति मोहन ने यूपीएससी के इंटरव्यू में थ्री इडियट्स फिल्म के सीन का जिक्र किया. 

पैनलिस्ट ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने थ्री इडियट्स फिल्म देखी है, और अगर हां, तो क्या उन्हें शरमन जोशी के इंटरव्यू सीन का जवाब याद है?शक्ति मोहन ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, "सर, बड़ा मुश्किल से ये अटिट्यूड आया है, आप अपनी नौकरी अपने पास रख लीजिए, मैं अपना अटिट्यूड रख लेता हूं." 

कैसे की यूपीएससी की तैयारी? 
शक्ति मोहन का मानना है कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए स्ट्रैटेजी और टारगेट बेस्ड पढ़ाई बहुत जरूरी है. उन्होंने कभी भी घंटों के हिसाब से पढ़ाई नहीं की, बल्कि हर दिन का एक टारगेट फिक्स किया. उनका सुझाव है कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी पढ़ाई को घंटों के हिसाब से न करें, बल्कि अपने लिए हर रोज़ का एक टारगेट बनाएं.

जीएसटी स्कैम का खुलासा 
नोएडा में डीसीपी क्राइम के रूप में अपनी पोस्टिंग के दौरान, शक्ति मोहन ने 40,000 करोड़ रुपए के जीएसटी स्कैम का खुलासा किया. इस घोटाले में कई लोगों को जेल हुई और शक्ति मोहन के काम को बहुत सराहा गया. उन्हें कई अप्रीसिएशन अवार्ड्स भी मिले. 

आजमगढ़ में की लाइब्रेरी की स्थापना
शक्ति मोहन का जीवन सिर्फ एक पुलिस अफसर बनने और वाहवाही लूटने तक ही सीमित नहीं रहा है. बल्कि वह अन्य लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने का भी हमेशा प्रयास करते रहे हैं. उन्होंने आजमगढ़ में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए एक लाइब्रेरी की स्थापना की थी. उनका मानना है कि बच्चों को पढ़ने के लिए एक बेहतर जगह मिलनी चाहिए ताकि वे भी देश की सेवा करने के लिए तैयार हो सकें. 

शक्ति मोहन का मानना है कि पुलिस के साथ आम लोगों का रिश्ता दोस्ती का होना चाहिए. उनके पास अगर कोई पीड़ित अपनी शिकायत लेकर आता है तो वह खाली हाथ नहीं लौटता. या तो समस्याएं खत्म हो जाती हैं या खत्म होने का रास्ता मिल जाता है.

शक्ति मोहन अवस्थी की कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है. उनकी मेहनत, लगन और समर्पण ने उन्हें एक सफल आईपीएस अधिकारी बनाया. उनकी कहानी से यह सीख मिलती है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती. 

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