Success is no accident. It is hard work, perseverance, learning, studying,n sacrifice and most of all, love of all, love of what you are doing or learning to do.
ऊपर लिखी ये कुछ लाइनें सफलता का वास्तविक अर्थ बताती हैं. यह ऐसा कुछ नहीं है जो अचानक या भाग्य से होता है. बल्कि, यह कुछ ऐसा है जिसको पाने के लिए आप कड़ी मेहनत करते हैं और ये आपके दृढ़ संकल्प और प्यार का नतीजा होता है.ऐसी ही कुछ कहानी है भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या की, जिनकी हालिया सफलता भी उनके निरंतर प्रयासों का परिणाम है. हार्दिक सोमवार यानी 11 अक्टूबर 2021 को अपना 28वां जन्मदिन मना रहे हैं. वन-डे हो या टी-20 या फिर टेस्ट, क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में अपनी उपयोगिता साबित कर चुके हार्दिक बेहद कम समय में टीम इंडिया की जान बन गए. उन्हें 'टीम इंडिया का कपिल देव' कहा जाता है.
ऑस्ट्रेलिया में खेली गई T20 श्रृंखला में भारत की तरफ से हार्दिक पंड्या का अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू महज एक शुरुआत थी. पल्लेकल इंटरनेशनल स्टेडियम में खेली गई तीन मैचों की श्रृंखला के अंतिम टेस्ट में श्रीलंका के खिलाफ शानदार शतक लगाकर हार्दिक ने साबित कर दिया कि वो T20 से आगे एक टेस्ट मैच खिलाड़ी के तौर पर भी पूर्ण रूप से कुशल हैं. उन्होंने अब सफलता के शिखर की ओर अपना सफर शुरू कर दिया है.
मैगी खाकर भरा पेट
कुछ साल पहले तक हार्दिक पंड्या के लिए चीजें इतनी आसान नहीं थीं. क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को जीवित रखने के साथ-साथ, उन्हें अपने परिवार के लिए दो वक्त का भोजन जुटाने के लिए भी काफी मेहनत करनी पड़ी. 2016 में इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू के दैरान हार्दिक ने अपने स्ट्रगल की कहानी बयां की थी. हार्दिक पंड्या ने बताया, “पांच रुपये की मैगी आती थी, मल्ली को अनुरोध करके गरम पानी लेता था और मैं और मेरा भाई ग्राउंड पर बना के खाते थे. नाश्ता भी वही और लंच भी वही. 365 दिन नॉन-स्टॉप." हार्दिक पंड्या के भाई क्रुणाल पंड्या भी क्रिकेटर हैं.
परिवार का समर्थन और संघर्ष
हार्दिक पंड्या अकेले नहीं थे जिन्होंने कड़ी मेहनत की और बलिदान दिया. उनके माता-पिता ने उनकी काफी मदद की. उनके पिता हिमांशु पंड्या का सूरत में कार फाइनेंस का छोटा सा कारोबार था. उन्होंने इसे बंद कर दिया और अपने बेटों को बेहतर क्रिकेट सुविधाएं प्रदान करने के लिए वडोदरा चले आए.
आईपीएल ने जिंदगी बदल दी
हार्दिक पंड्या के लिए चीजें तब बदलीं जब मुंबई इंडियंस ने उन्हें आईपीएल 2015 की नीलामी में 10 लाख रुपये में खरीदा. उनके पास पैसा आया और उनकी हालत बदल गई. उनकी मेहनत आखिरकार रंग लाई. लोगों ने उनमें एक ऑलराउंडर के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता को देखा. हार्दिक पांड्या अब टीम इंडिया के प्रमुख और विश्व के सक्रिय सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स की लिस्ट में शामिल हैं.