तेलंगाना के जिन इलाकों में पहुंचना आसान नहीं है, वहां अब ड्रोन के जरिये दवाओं की डिलीवरी की जा रही है. जिन जगहों पर सड़क के रास्ते पहुंचने में कई दिन लग जाते थे, वहां ये ड्रोन कुछ ही घंटों में पहुंच जाएंगे. जिन दवाओं का इंतजार लोगों को लंबे वक्त तक करना पड़ता था, वो दवाएं अब आसानी से उपलब्ध होंगी.
फिलहाल तेलंगाना सरकार ने 17 अक्टूबर तक ड्रोन के जरिये दवाएं पहुंचाने की मुहिम शुरू की है. इसके लिए सरकार ने एक कुरियर कंपनी के साथ हाथ मिलाया है. तेलंगाना में हुई ये शुरुआत ड्रोन के इस्तेमाल में मील का पत्थर साबित हो सकती है.
यह तकनीक उन इलाकों के लिए बेहद कारगर साबित होगी जहां मौसम की वजह से कई बार रास्ते बंद हो जाते हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में ड्रोन के जरिये राहत सामग्री पहुंचाई जा सकेगी. पहाड़ी इलाकों में लैंड स्लाइड से प्रभावित इलाकों के लिए ये ड्रोन तकनीक किसी वरदान से कम नहीं है.
नए दौर में बढ़ता जा रहा है ड्रोन के इस्तेमाल का दायरा
नए दौर में ड्रोन के इस्तेमाल का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. तमाम देश ड्रोन की तकनीक का गलत इस्तेमाल भी कर रहे हैं. लेकिन भारत ने दवा पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करके पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है. भारत का यह कदम, पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्पद साबित होगा.
रक्षा विभाग में भी हमसफर बन रहे हैं ड्रोन
ड्रोन की तकनीक में भारत काफी आगे पहुंच चुका है. ये ड्रोन आम जनता की मदद के साथ साथ सेना के लिए भी हमसफर बन रहे हैं. सेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए स्वार्म ड्रोन का काफिला भी तैयार किया गया है. स्वार्म ड्रोन की मौजूदगी ही, हमारी सुरक्षा की पूरी गारंटी होगी. इनकी बदौलत मिलने वाले सुरक्षा कवच को भेद पाना, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए मुमकिन नहीं होगा.
सीमाओं पर भी ड्रोन से रखी जा रही है नजर
भारत के खिलाफ साजिश रचने से न वो थक रहें और न ही थम रहे हैं. यही वजह रही कि इसी साल 15 जनवरी को भारत ने अपनी ड्रोन शक्ति का प्रदर्शन किया था जिससे बार-बार दबे पांव हमारी सीमा में दाखिल होने वाले ये दुश्मन संभाल जाएं. ड्रोन जैसी मशीन ही हर सैन्य लड़ाई का रुख और नतीजा तय करेगी. यही वजह है कि चीन ज्यादा से ज्यादा ड्रोन बनाने में जुटा है. चीन के इसी कदम को देखते हुए भारत भी ड्रोन से जुड़ी नई-नई तकनीक को विकसित कर रहा है ताकि चीन को मंसूबों को वक्त रहते नाकाम किया जा सके.