दिसंबर 2019 में दुनिया भर में कोरोना महामारी के फैलने के बाद तमाम मेडिकल लैब और वैज्ञानिक इससे निजात पाने के तरीके खोज रहे हैं. आए दिन कोई ना कोई रिसर्च या सर्वे सामने आता है. हाल ही में हुए लेनसेट के एक अध्ययन में ये पाया गया है कि फाइजर-बायोएनटेक की तीसरी वैक्सीन खुराक गंभीर कोविड-19-संबंधित परिणामों को कम करने में प्रभावी है.
कोरोना के जोखिम से राहत
बालिसर का कहना है कि परिणाम बताते हैं कि पांच महीने पहले केवल दो खुराक प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में, तीन खुराक लेने वालों को कोरोना से काफी कम खतरा है. आकड़ों में देखा जाए को तीसरा टीका लेने वालों को 92 प्रतिशत तक कम जोखिम था, वहीं प्रति व्यकित कोरोना से मौत का खतरा 81 प्रतिशत कम था. इन आंकड़ों के आधार पर सूचित नीति निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए.
करीब 7.5 लाख डेटा सैंपल पर तैयार हुई रिपोर्ट
द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के लिए, टीम ने 12 या उससे अधिक उम्र के 7,28,321 व्यक्तियों के डेटा सैंपल की समीक्षा की, जिन्हें BNT162b2 वैक्सीन की तीसरी खुराक मिली थी. इन व्यक्तियों का सावधानीपूर्वक 1:1 से मिलान 7,28,321 व्यक्तियों के साथ किया गया, जिन्हें कम से कम पांच महीने पहले BNT162b2 वैक्सीन के केवल दो शॉट मिले थे. यह मिलान संक्रमण के जोखिम, गंभीर बीमारी के जोखिम, स्वास्थ्य की स्थिति और स्वास्थ्य चाहने वाले व्यवहार से जुड़े जनसांख्यिकीय, भौगोलिक और स्वास्थ्य संबंधी विशेषताओं के व्यापक सेट पर आधारित था. व्यक्तियों को उनकी बदलती टीकाकरण स्थिति के आधार पर गतिशील रूप से प्रत्येक समूह को सौंपा गया था. इस शोध की प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के विश्लेषण किए गए.