ऐसा पहली बार हुआ है कि पूरी तरह से कोविड-वैक्सीनेशन करवाने वाले व्यक्तियों की संख्या इन्कम्प्लीट वैक्सीनेशन करवाए हुए लोगों की संख्या को पार कर गई है. इस पर सरकार ने भरोसा जताया है कि प्रत्येक वयस्क को महीने भर चलने वाले 'हर घर दस्तक' की मदद से नवंबर के अंत तक कम से कम पहली डोज़ के साथ कवर किया जाएगा. आपको बता दें, लोगों को अब तक 114 करोड़ से अधिक डोजेज़ दी जा चुकी हैं - 38.4 करोड़ लोगों ने दोनों खुराक प्राप्त की हैं, जबकि 37.4 करोड़ लोगों को वैक्सीन की सिर्फ पहली डोज़ मिली है.
12 करोड़ लोग दूसरे डोज़ के लिए नहीं पहुंचे केंद्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में अभियान की जानकारी साझा की थी. इस बीच, रविवार दोपहर तक देश में टीकाकरण का आंकड़ा 106 करोड़ को पार कर गया. इनमें 32.88 करोड़ लोग दोनों डोज़ ले चुके थे. हालांकि पहला डोज़ लेने वालों की संख्या अभी 73 करोड़ से अधिक है. वहीं 12 करोड़ लोग ऐसे भी हैं, जो दूसरे डोज़ के लिए टीकाकरण केंद्र पर पहुंचे ही नहीं हैं. उनकी तलाश और नए लोगों के पंजीयन के लिए सरकार ने एक महीने तक देशभर में यह अभियान चलाने का फैसला किया है.
ये आंकड़े अच्छे संकेत
इन आंकड़ों के कई मायने हैं. ये बताते हैं कि देश की अधिकांश योग्य वयस्क आबादी ने अब टीकाकरण शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी डोज़ कवरेज में भी विशेष रूप से 'हर घर दस्तक' अभियान की वजह से काफी वृद्धि हुई है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, "टीकाकरण के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को कोविड से बचाने के लिए सरकार की दृढ़ राजनीतिक प्रतिबद्धता ने 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुए राष्ट्रव्यापी अभियान को कई उपलब्धि हासिल करने में सक्षम बनाया है.
वैक्सीनेशन कवरेज बढ़ाना है 'हर घर दस्तक' अभियान का उद्देश्य
वर्तमान में, 80% से अधिक वयस्क आबादी को टीके की कम से कम पहली खुराक मिली है, जबकि 40% से अधिक को दोनों खुराक मिल चुकी हैं. टीकाकरण की गति को तेज करने के लिए 'हर घर दस्तक' अभियान नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू किया गया था. डोर-टू-डोर टीकाकरण अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश की पूरी वयस्क आबादी को कम से कम कोविड वैक्सीन की पहली डोज़ दी जा सके, जबकि इसके जरिए लोगों को प्रोटोकॉल के अनुसार दूसरी डोज़ लेने के लिए प्रेरित किया जाता है.