जब वासेपुर की तंग गलियों से उठकर फलक ने बनाई खुद की पहचान, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

वासेपुर की रहने वाली फलक फातिमा को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया है. फलक समाज सेवा का काम करती रहती है. वो पौधरोपण, रक्तदान, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सड़क सुरक्षा, महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण जैसे मिशन पर काम करती हैं.

फलक फातिमा
gnttv.com
  • धनबाद,
  • 28 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST
  • युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं फलक
  • समाजसेवा के जरिए बनाई पहचान

बॉलीवुड फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर आने के बाद सभी के दिमाग में वासेपुर एक अलग छवि बनी है. जिसके हिसाब से वासेपुर मर्डर, गैंगवार और गुंडागर्दी के लिए मशहूर होगा. लेकिन वासेपुर की एक बेटी ने वासेपुर की इस छवि को बदलकर रख दिया है. धनबाद के वासेपुर  मटकुरिया न्यू कॉलोनी की रहने वाली फलक फातिमा को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में फलक को यह सम्मान दिया गया. देशभर से 30 युवाओं को यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा दिया गया.

युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं फलक
कभी धनबाद के SSLNT महिला कॉलेज की छात्रा रहीं फलक फातिमा वर्तमान में रांची विश्वविद्यालय की छात्रा है. अब वो NSS की स्वयंसेवक बनकर युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गई है. रांची विश्वविद्यालय की छात्रा और एनएसएस की स्वयंसेवक फलक फातिमा को समाज में उत्कृष्ट कार्य करने और युवाओं को प्रेरणा देने के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा दूत पुरस्कार से सम्मानित किया गया. तीन फरवरी को बिहार में आयोजित फेस ऑफ फ्यूचर इंडिया कार्यक्रम में फलक को सम्मानित किया गया. जिसमें निर्भया हत्याकांड और हाथरस हत्याकांड की वकील सीमा समृद्धि भी शामिल थीं. 

समाजसेवा के जरिए बनाई पहचान
फलक फातिमा ने समाज में कई उत्कृष्ट कार्य किए हैं. इसमें पौधरोपण, रक्तदान, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सड़क सुरक्षा, महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण शामिल हैं. फलक ने कोविड के दौरान मास्क, सैनिटाइजर, दवाइयां और ऑक्सीजन सिलेंडर की भी सेवा दी. लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों के बीच भोजन वितरण करने और गरीब बच्चों को घर-घर जाकर निःशुल्क शिक्षा देने का काम किया. रांची वापस लौटने पर फलक को मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अपने आवास में सम्मानित किया. 

पुरस्कार बेहतर के लिए प्रेरित करेगा: फलक
2018 से ही राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) से जुड़ कर फलक ने अलग-अलग क्षेत्र में सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इसी आधार पर फलक को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. फलक ने कहा कि 22 सितंबर को ही वह दिल्ली पहुंच गई थी. मंत्रालय की ओर से ही रहने का इंतजाम किया गया था. फलक ने कहा कि एक दिन पहले राष्ट्रपति भवन ले जाकर इसका अभ्यास कराया गया. राष्ट्रपति से अवार्ड पाकर खुश फलक ने कहा कि यह पुरस्कार उसे और बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा. फलक के साथ उसके पिता हमीदुल हक और मां तलत फातिमा भी राष्ट्रपति भवन में मौजूद थीं. कार्यक्रम के बाद फलक को दिल्ली के ऐतिहासिक धरोहरों का भ्रमण कराया गया. 

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी फातिमा को दी बधाई
कार्यक्रम में शामिल खेल एवं युवा मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी फलक को बधाई दी. राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ कर फलक ने सामाजिक कार्य के क्षेत्र में अपनी शुरुआत की. इसमें स्लम एरिया में बच्चों को पढ़ाना, पौधरोपण, रक्तदान करने के लिए जगह-जगह जागरूकता अभियान चलाया. कोविड के समय में भी फलक ने इसके पीड़ित परिवारों की मदद की थी.

(धनबाद से सिथुन मोदक की रिपोर्ट)

 

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