WHO के एक्टपर्ट पैनल ने सिफारिश की है कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को कोविड -19 टीकों की एक अतिरिक्त (बूस्टर) खुराक दी जानी चाहिए.
टीकाकरण पर डब्ल्यूएचओ द्वारा इंजेक्शन की आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) का उल्लेख करते हुए, विशेषज्ञों के रणनीतिक सलाहकार समूह (SAGE) ने कहा कि मामूली और गंभीर रूप से प्रतिरक्षित व्यक्तियों को एक अतिरिक्त खुराक की पेशकश की जानी चाहिए. विशेषज्ञ पैनल ने बताया कि इस 'बूस्टर' खुराक की सिफारिश करने का कारण यह है कि ऐसे व्यक्ति एक मानक प्राथमिक वैक्सीन श्रृंखला के बाद टीकाकरण के लिए पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया देने की स्थिति में कम होते हैं और गंभीर कोविड -19 बीमारी के उच्च जोखिम में होते हैं.
हालांकि एसएजीई ने साफ किया कि वह आम जनता के लिए बूस्टर डोज की सिफारिश नहीं करता है. डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ पैनल ने यह भी कहा कि 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्ति जिन्हें चीनी वैक्सीन - सिनोवैक और सिनोफार्मा का टीका लगाया गया है, उन्हें तीसरी अतिरिक्त खुराक 'बूस्टर' डोज दी जानी चाहिए. इसके अलावा एसएजीई ने इस बात पर भी जोर दिया कि देशों को वैक्सीन आपूर्ति और पहुंच के आधार पर गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए एक अतिरिक्त 'बूस्टर' डोज की सिफारिश पर विचार करना चाहिए.
विशेषज्ञ पैनल ने कहा, "इस सिफारिश को लागू करते समय देशों को शुरूआत में दो खुराक देने का अधिकतम करने लक्ष्य रखना चाहिए और उसके बाद सबसे अधिक आयु के व्यक्तियों तक तीसरी खुराक की व्यवस्था करनी चाहिए."
इस महीने के अंत तक SAGE द्वारा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल पर अंतिम निर्णय लेने की उम्मीद है. हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता के प्रतिनिधियों ने पिछले महीने जिनेवा में विशेषज्ञ पैनल के समक्ष एक प्रस्तुति दी थी. डब्लूएचयू द्वारा जारी बयान से संकेत मिलता है कि भारत की पहली स्वदेशी कोविड वैक्सीन, कोवैक्सिन के प्रमाणीकरण पर अंतिम कॉल अक्टूबर के मध्य तक लिया जा सकता है.