उत्तराखंड में सैलानियों की पसंदीदा जगह रही गरतांग गली खोल दी गई है. भारत तिब्बत व्यापार की गवाह गरतांग गली साल 1962 से बंद थी.
इसके खुलने से ना सिर्फ सैलानी खुश हैं बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी ये खुशी का पैगाम लाई है. गरतांग गली की लगभग 150 मीटर लंबी सीढ़ियां अब नए रंग में नजर आने लगी हैं. 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी गरतांग गली की सीढ़ियां इंजीनियरिंग का नायाब नमूना हैं. 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद इस लकड़ी के सीढ़ीनुमा पुल को बंद कर दिया गया था. अब करीब 59 सालों बाद वह दोबारा पर्यटकों के लिए खोला गया है. कोरोना गाइडलाइन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बार में 10 ही लोगों को पुल पर भेजा जा रहा है.