उत्तराखंड के रानीगढ़ गांव में ग्रामीण बुलंद हौसले की तस्वीर पेश कर रहे हैं. इस गांव की कहानी सुनकर आपको दशरथ मांझी याद आ जाएंगे. जिन्होंने पहाड़ खोद कर सड़क बना डाली थी. रानीगढ़ के जसोली गांव के लोग भी दशरथ मांझी के रास्ते पर चल दिए हैं. गांव के लोगों ने सरकार की मदद का इंतजार किए बिना खुद सड़क बनाने का जिम्मा उठा लिया है. इनकी मेहनत रंग ला रही है. पहले जसोली से जीआईसी चमकोट जाने के लिए लोगों को मुश्किल रास्तों से गुज़रना पड़ता था, लेकिन ये सड़क बनी तो ये सफर सिर्फ डेढ़ किलोमीटर का रह जाएगा. गांववालों का कहना है कि सरकार से मदद मिली तो ठीक, अगर मदद नहीं मिली तब भी काम नहीं रुकने देंगे.
Villagers in Uttarakhand's Ranigarh village have taken up the task of building a road on their own without waiting for the government's help. Earlier, people had to go through difficult roads to go from Jasoli to GIC Chamkot, but if this road is built, then this journey will be only one and a half kilometers. The villagers say that if help is received from the government, it is okay, even if the help is not given, they will not stop the work. Watch the video to know more information.