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Delhi Air Pollution: दिल्ली का प्रदूषण कर सकता है आपको बीमार, खांसी, जुकाम से बचने के लिए करें ये 5 घरेलू उपचार

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2022,
  • Updated 4:17 PM IST
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दिवाली के त्योहार के बाद वायु प्रदूषण और धुंध ने देश भर में लोगों को सांस लेने और दूसरी सांस से जुडी समस्याओं का कारण बना दिया है. एक्यूआई का स्तर गंभीर होने से फेफड़ों की समस्याएं बढ़ रही हैं. सांस लेने में हानिकारक वायु प्रदूषक फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं और सांस की तकलीफ, खांसी, घरघराहट, अस्थमा और सीने में दर्द का कारण बनते हैं. हालांकि, कुछ आसान और प्रभावी घरेलू उपचार इस प्रदूषण और धुंध के बीच आपके फेफड़े और सांस लेने में हो रही तकलीफ से आपको बचा सकते हैं. 

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हल्दी: रोजाना हल्दी का सेवन से फेफड़ों को प्राकृतिक रूप से शुद्ध करने में मदद मिल सकती है. सांस की बीमारियों को दूर रखने के लिए आप या तो थोड़ी सी कच्ची हल्दी या दूध में हल्दी पका कर ले सकते हैं. 

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ग्रीन टी: ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो आपके एयर पैसेज में हो रही सूजन को कम करने में मदद कर सकता है. ग्रीन टी आपको धुएं वाली सांस लेने के हानिकारक प्रभावों से बचा सकते हैं. ग्रीन टी पीना फेफड़ों को साफ करने के लिए सबसे लोकप्रिय घरेलू उपचारों में से एक है.

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अदरक: अदरक फेफड़ों को साफ करने और बीमारियों से बचाने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले घरेलू उपचारों में से एक है. अदरक गाढ़े बलगम को तोड़ता है और बलगम को बाहर निकालने और सांस लेने के लिए एक खुला पैनल बनाने में मदद करता है. इसके साथ फेफड़ों की सफाई के लिए आप अदरक को हल्दी और शहद के साथ मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं.

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पुदीने की चाय: पुदीना का उपयोग सदियों से सांस संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है. पुदीने की चाय बलगम के जमाव को तोड़कर गले की खराश को ठीक कर सकती है. पेपरमिंट टी में मेन्थॉल आपको सांस लेने में मदद करता है.

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शहद: शहद कई फेफड़ों और सांस की समस्याओं के साथ आराम प्रदान करने के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में जाना जाता है. एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई गुणों से भरपूर शहद फेफड़ों में जमाव को दूर करने में मदद करता है और अस्थमा और गले के अन्य संक्रमणों जैसी श्वसन स्थितियों को शांत करता है.