सेहत

International Chess Day 2022: शतरंज खेलने से बेहतर होती है सेहत, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए फायदेमंद

निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 20 जुलाई 2022,
  • Updated 10:24 AM IST
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कम उम्र में शतरंज खेलना शुरू करने से बच्चों की सोचने की क्षमता बढ़ती है. साथ ही, समस्या को सुलझाने के कौशल में सुधार करने में मदद मिलती है. कम उम्र में शतरंज खेलने वाले बच्चों की स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना अधिक होती है. एडल्ट्स भी शतरंज के खेल से अपनी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स पर काम कर सकते हैं. (Photo: Wikimedia Commons)

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अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर (एडीएचडी), 21वीं सदी की महामारी है. बच्चों और वयस्कों के लिए काम और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो रहा है और इससे अच्छे रिजल्ट नहीं मिल रहे. और आजकल हमारे आसपास इतना सबकुछ है ध्यान भटकाने के लिए कि एकाग्रता नहीं बन पाती है. ऐसे में, शतरंज से आपको मदद मिलती है. यह खेल आपके दिमाग को काम पर ध्यान केंद्रित करने और ध्यान देने के लिए प्रशिक्षित करता है जिससे काम पर बेहतर प्रदर्शन, समय की कम बर्बादी और अधिक सफलताएं मिलती हैं. 

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आज बहुत से एक्सपर्ट्स का मानना है कि शतरंज से याददाश्त में सुधार करने और अल्जाइमर जैसी बिमारियों को दूर रखने में मदद मिलती है. इस खेल में बहुत सारी चालें और रणनीतियां शामिल होती हैं जिनका अभ्यास जरूरी है और समय के साथ ये याददाश्त को तेज करने और जीवन के हर क्षेत्र में अधिक दक्षता लाने में मदद करती हैं. स्टडीज से पता चलता है कि शतरंज खेलने से मनोभ्रंश, अवसाद और चिंता का खतरा कम होता है.
 

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हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शतरंज का खेल सिज़ोफ्रेनिया के इलाज में मददगार है. शतरंज से मरीजों का फोकस करने,  योजना बनाने और तर्क क्षमता को बढ़ावा मिलता है. एक स्टडी में देखा गया कि शतरंज न खेलने वाले रोगियों की तुलना में शतरंज खेलने वाले रोगियों में उल्लेखनीय सुधार दिखा. 

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शतरंज खेलना निश्चित रूप से आपके आत्म-सम्मान को बढ़ाने में मदद करता है, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो. जब आप खेलते हैं, तो आप पूरी तरह से अपने ऊपर निर्भर होते हैं और जब आप हारते हैं, तो आपको बैठकर विश्लेषण करना होता है कि क्या गलत हुआ. बार-बार खेलने और विश्लेषण करने से आपकी मानसिक शक्ति और आत्मविश्वास का स्तर बढ़ता है.