ब्रिटेन में वूपिंग कफ का अलर्ट जारी, मरीजों को 100 दिनों तक हो रही खांसी, जानिए इसके लक्षण और बचाव

इस बीमारी में फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है और मरीजों को 100 दिनों तक खांसी की समस्या होती है. इसमें शुरुआत में सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षण दिखाई देते हैं और फिर खांसी की समस्या होती है, जो तीन महीने या करीब 100 दिनों तक चलती है.

This "silent reflux" condition, wherein stomach acids travel to the throat, is often undiagnosed. (Photo: Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST
  • इस बीमारी में फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है.
  • मरीजों को 100 दिनों तक खांसी की समस्या होती है.

ब्रिटेन में 'वूपिंग कफ' को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. ये एक बेहद संक्रामक बीमारी है. UK के हेल्थ एक्सपर्ट ने लोगों को इस बीमारी से सावधान रहने को कहा है. इसे ब्रिटेन के कुछ इलाकों में पर्टुसिस भी कहा जाता है. इस संक्रमण के मामलों में 250 प्रतिशत तक वृद्धि देखी जा रही है. UK में जुलाई से नवंबर के बीच Pertussis के 716 मामले सामने आए हैं. जोकि 2022 के मामलों से करीब 3 गुना ज्यादा है.

क्या है वूपिंग कफ?

इस बीमारी में फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है और मरीजों को 100 दिनों तक खांसी की समस्या होती है. इसमें शुरुआत में सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षण दिखाई देते हैं और फिर खांसी की समस्या होती है, जो तीन महीने या करीब 100 दिनों तक चलती है. ये बीमारी बच्चों से लेकर बुजुर्गों, तक को हो सकती है.

क्या है इस बीमारी के लक्षण

50 के दशक में इस संक्रमण के चलते बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई थी लेकिन 1950 में इसकी वैक्सीन आने पर इसके मामले कम हो गए. 100 दिनों तक खांसी के चलते मरीजों को हर्निया, पसलियों में दर्द, कान में संक्रमण और पेशाब में परेशानी जैसी समस्याएं होती हैं. ये बीमारी बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया कहलाने वाले जीवाणु के कारण होती है. संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से ये बीमारी दूसरे व्यक्ति तक फैलती है.

बेहद संक्रामक है वूपिंग कफ

वूपिंग कफ से पीड़ित 1 साल से कम उम्र के बच्चों को अस्पताल में देखभाल की जरूरत पड़ती है. वूपिंग कफ पैदा करने वाले बैक्टीरिया खांसने और छींकने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलते हैं. कुछ लोगों में हल्के लक्षण होते हैं और उन्हें पता नहीं होता कि उन्हें वूपिंग कफ है और इस वजह से वे दूसरों को भी संक्रमित करते हैं. इस बीमारी में होने वाली खांसी से उल्टी हो सकती है और यहां तक कि पसलियां भी टूट सकती हैं. हालांकि इस बीमारी के लिए वैक्सीन उपलब्ध है और इससे बचाव संभव है. खांसते या छींकते वक्त रुमाल का इस्तेमाल करें. भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाएं. हाथ को समय समय पर धोएं. खांसी अगर एक हफ्ते से ज्यादा है तो डॉक्टर से परामर्श लें.

 

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