सोशल मीडिया युवाओं को अवसाद की तरफ ढकेल रहा है. जरूरत से ज्यादा सोशल मीडिया की लत युवाओं को मानसिक तौर पर बीमार कर रही है. सोशल मीडिया की वजह से लोग अपनी बॉडी को लेकर भी इनसिक्योर रहने लगे हैं. जर्नल ऑफ अपेक्टिव डिसऑर्डर रिपोर्ट्स में प्रकाशित शोध के मुताबिक जो युवा सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग करते हैं, उन्हें 6 महीने के अंदर ही मानसिक बीमारी का सामना करना पड़ता है.
क्या कहती है स्टडी
शोधकर्ताओं का मानना है कि सोशल मीडिया पर सामाजिक तुलना स्वयं और दूसरों के बारे में गलत भावनाओं को बढ़ा सकती है. नकारात्मक चीजों को देखते रहने से अवसाद बढ़ता है. रिसर्च की मानें तो जो लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं वे बाहरी दुनिया से कट जाते हैं. एक रिपोर्ट में पाया गया है कि भारतीय सोशल मीडिया पर दिन में लगभग 2.4 घंटे बिताते हैं. इस शोध में 18 से 30 साल के युवाओं से सवाल पूछे गए. उनकी पर्सनालिटी को इन्वेंटरी का उपयोग करके मापा गया था. जिसमें खुलेपन, कर्तव्यनिष्ठा, खर्च और मनोरोग का आकलन किया गया था.
सोशल मीडिया के इस्तेमाल से अवसाद की संभावना ज्यादा
शोध के अनुसार हर दिन पांच घंटे से ज्यादा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले युवाओं में अवसाद की संभावना ज्यादा रहती है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों में अवसाद की संभावना 49 फीसदी तक कम देखी गई. स्टडी के मुताबिक सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल नींद में कमी या डिस्टर्बेंस का कारण बन सकता है. यूनिसेफ के अनुसार, 15 से 24 वर्ष की आयु के 7 में से 1 भारतीय उदास महसूस करता है. डिप्रेशन आत्म-सम्मान की कमी और खराब कॉन्सनट्रेशन से जुड़ा हुआ है.
सोशल मीडिया की आदत छुड़ाने के टिप्स
कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक लें.
अपनों के साथ वक्त बिताएं.
सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर एक समय निर्धारित करें.
रात को सोने के समय किताबें पढ़ें.
निगेटिव विचारों को छोड़कर अच्छी खबरें पढ़ें.
कुछ नया सीखना हमेशा रोमांचक होता है, और अपने आप को सोशल मीडिया से दूर रखने का इससे बेहतर तरीका कोई और नहीं हो सकता.
अगर फिजिकल एक्टिविटी बढ़ेंगी तो फोन का इस्तेमाल भी कम होता जाएगा.