दो महिलाओं ने अपनी बेटियों को डोनेट किया अपना गर्भाशय ताकि उन्हें मिल सके मातृत्व का सुख, पहली बार सरकारी अस्पताल में हुई ऐसी सर्जरी

अपनी बेटियों को मातृत्व का सुख देने के लिए दो मांओं ने अपना गर्भाशय अपनी-अपनी बेटियों को डोनेट कर दिया. अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल में पहली बार इस तरह की सर्जरी की गई.

Uterus Transplant Surgery
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 26 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:53 PM IST
  • पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में हुआ यह कारनामा

मां बनना लगभग हर स्त्री का सपना होता है. लेकिन कई बार मेडिकल प्रॉब्लम्स के चलते बहुत सी महिलाएं लाख जतन करके भी मां नहीं बन पाती हैं. लेकिन आज की आधूनिक दुनिया में बहुत सी ऐसी तकनीकें आ गई हैं जिन्हें अपनाकर बहुत से लोग माता-पिता बने हैं. 

आज हम आपको इससे जुड़ी एक ऐसी मेडिकल एडवांसमेंट के बारे में बता रहे हैं जिससे बच्चों के सुख से वंचित जोड़ों को थोड़ी राहत मिलेगी. दरअसल, अहमदाबाद के एक सरकारी अस्पताल, आईकेडीआरसी में दो मांओं के गर्भाशय उनकी बेटियों को ट्रांसप्लांट किए गए हैं. 

पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में हुआ यह कारनामा
गुजरात और देश में पहली बार सरकारी अस्पताल में इस तरह का ट्रांसप्लांट हुआ है. और विश्व में भी यह पहला ऐसा मामला है जहां एक ही दिन में दो महिलाओं का एक साथ, एक ही अस्पताल में ट्रांसप्लाट हुआ हो.

Doctors in operation theater

ट्रांसप्लांट सर्जरी जिन दो महिलाओं पर की गई, उनमें से एक हिंदु है तो एक मुस्लिम. 28 वर्षीय हिंदु महिला को जन्म से ही गर्भाशय की समस्या थी, जिस वजह से वह मां नहीं बन पा रही थी. अपनी बेटी की मां बनने की इच्छा पूरी करने के लिए इस महिला की मां ने अपना गर्भाशय उसे डोनेट करने का फैसला किया.

दूसरी तरफ, 22 साल की मुस्लिम महिला जन्म से ही MRKH Type-1 है यानी जन्म से ही उन्हें गर्भाशय नहीं था. उनकी भी मां ने अपनी बेटी की मदद करने की ठानी. डॉक्टर्स का कहना है कि दोनों महिलाओं में ट्रांसप्लांट सर्जरी सफल रही है. 

दोनों बन सकेंगी मां 
डॉक्टर्स का कहना है कि इस सर्जरी के बाद, ये दोनों महिलाएं मां बन सकती हैं और आगे उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं रहेगी. आपको बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक भारत में 15 प्रतिशत महिला इनफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या की वजह से मां नहीं बन पाती हैं. 

5000 में से एक महिला को शरीर में गर्भाशय की समस्या होती हैं. इन महिलाओं के लिए अब यह सर्जरी उम्मीद बन रही है कि वे सरकारी अस्पताल में कम खर्च में ऑपरेशन करवा कर मां बन सकती हैं. 

 

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