सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए अच्छे हैं Gut-Friendly Bacteria, AIIMS की प्री-क्लिनिकल स्टडी में हुआ खुलासा

सांस से संबंधित गंभीर बीमारियों क मामले में Gut friendly bacteria मददगार साबित हो सकते हैं. AIIMS ने हाल ही में एक स्टडी की है जिसमें यह रिजल्ट सामने आया है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 11 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST

Gut Friendly Bacteria यानी आंत के अनुकूल बैक्टीरिया, डाइटरी सप्लीमेंट्स के रूप में उपलब्ध होते हैं और डेयरी उत्पादों जैसे विभिन्न फूड प्रोडक्ट्स में शामिल किए जाते हैं. ये बैक्टीरिया कोविड-19 सहित संक्रामक रोग और सेप्सिस जैसे विभिन्न फेफड़ों के रोगों में पल्मनरी और एक्स्ट्रापल्मोनरी एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS), दोनों के प्रबंधन के लिए "रोगनिरोधी" थेरेपी के रूप में प्रभावी साबित हुए हैं. यह खुलासा चूहों पर की गई AIIMS की प्री-क्लिनिकल स्टडी में सामने आया है. 

इस साल जनवरी में एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका, क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित स्टडी में पाया गया कि बैक्टीरिया - लैक्टोबैसिलस रमनोसस (LR) से ARDS/सेप्सिस से पीड़ित जानवरों की जीवित रहने की दर को 50% तक बढ़ा दिया. यह बैक्टीरिया उनके फेफड़ों में तरल जमाव (Fluid build up) को कम करता है. डॉक्टर इस अध्ययन का क्लिनिकल ट्रायल करने की योजना बना रहे हैं.

क्या है ARDS
ARDS रेस्पिरेटरी फेलियर की प्रोग्रेसिव फॉर्म है और कोविड-19, निमोनिया, सेप्सिस और ट्रॉमा के मामलों में अगर परेशानी यहां तक पहुंच जाती है तो मरीज की जान का खतरा हो जाता है. मेडिसिन में व्यापक अध्ययन के बावजूद, एआरडीएस के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है. इसके बजाय, डॉक्टर एविडेंस या साक्ष्यों के आधार पर सिंप्टोमैटिक मैनेजमेंट एप्रोच का पालन करते हैं. जिसमें संक्रमण का इलाज करना, लंग्स फंक्शन को सपोर्ट करने के लिए वेंटिलेशन और सामान्य पोषण सप्लीमेंटेशन शामिल है. 

हालांकि, हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि गट (आंत) डिस्बिओसिस (आंत माइक्रोबायोम में असंतुलन जो तब होता है जब हानिकारक बैक्टीरिया लाभकारी बैक्टीरिया से ज्यादा हो जाते हैं) ARDS और दूसरी सांस संबंधी परेशानियों को बढ़ावा देते हैं. बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रूपेश श्रीवास्तव और उनके रिसर्च ग्रुप ने पशु मॉडल में ARDS के लक्षणों को कम करने के लिए प्रोबायोटिक्स LR (Gut friendly bacteria) का इस्तेमाल किया. 

डॉक्टरों ने कहा कि एआरडीएस और सेप्सिस में, श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC), विशेष रूप से न्यूट्रोफिल, सूजन पैदा करने करती हैं. WBCs संक्रमण से लड़ने में महत्वपूर्ण हैं और टिश्यूज को हील करने में मदद करती हैं. लेकिन फेफड़ों से इन WBCs की निकासी में देरी होने पर एयर सैक काम करना बंद कर देते हैं, जिससे फ्लूइड जमा होता है और ARDS की घातक स्थिति पैदा हो जाती है. डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि ये बैक्टीरिया इस स्थिति में मददगार हो सकते हैं. 

 

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