Air Pollution linked with Sleep Apnea: वायु प्रदूषण से बढ़ सकता है स्लीप एपनिया का खतरा, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) एक आम लेकिन गंभीर समस्या है. इसका मतलब ये है कि आप सोते समय सांस लेने में तकलीफ के साथ जाग सकते हैं या आपको सोने या सोते रहने में कठिनाई हो सकती है.

Sleep Apnea: photo: Unsplash
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST
  • ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण
  • कैसे कर सकते हैं स्लीप एपनिया से बचाव

इंटरनेशनल न्यूरोटॉक्सिकोलॉजी एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च में कहा गया है कि वायु प्रदूषण ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) के जोखिम को बढ़ा सकता है. स्लीप एपनिया एक तरह का स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें सांस कुछ देर के लिए पूरी तरह रुक जाती है. इस रिसर्च में वायु प्रदूषण और ओएसए के जोखिम के बीच लिंक पाया गया.

क्या कहती है रिसर्च
रिसर्च के अनुसार लगातार वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से पूरे शरीर में सूजन या जलन हो सकती है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस हो सकता है, जो नींद के दौरान सांस की नली के dysfunction का कारण बन सकता है. ये पैथोफिजियोलॉजिकल बदलाव सांस संबंधी विकारों के विकास और तीव्रता में योगदान देने के लिए जाने जाते हैं. ओएसए के मामले में वायु प्रदूषण सांस की नली की सूजन को बढ़ा सकता है, जिससे नींद के दौरान सांस की नली में रुकावट पैदा होती है.

विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण और ओएसए के जोखिम और गंभीरता के बीच संबंधों पर डेटा को जांचने के लिए 12 अध्ययनों का विश्लेषण किया. उन्होंने पाया कि वायु प्रदूषक विशेष रूप से NO2, OSA स्लीप डिसऑर्डर में भूमिका निभा सकते हैं.  NO2 सड़कें बनाने के कारण उत्पन्न होने वाले गैसीय वायु प्रदूषकों के समूह का हिस्सा है. उच्च प्रदूषण वाली जगहों पर ओएसए लक्षणों के लिए रोगियों की अधिक बारीकी से जांच करने की सलाह दी जाती है.

क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया 
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) एक आम लेकिन गंभीर समस्या है. इसका मतलब ये है कि आप सोते समय सांस लेने में तकलीफ के साथ जाग सकते हैं या आपको सोने या सोते रहने में कठिनाई हो सकती है. इन रुकावटों के कारण बार-बार उत्तेजना होती है. ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में सांस की नली बंद हो जाती है और घुटन की वजह से नींद टूटती रहती है.

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण
दिन में नींद आना
सुबह उठने के बाद थकान महसूस करना
ध्यान लगाने में परेशानी
मूड में बार-बार बदलाव
सोते हुए खर्राटे लेना
सिर में दर्द
रात में घुटन महसूस होना

ओएसए दुनियाभर के लोगों को प्रभावित करता है जो हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम जैसे कई हेल्थ इशूज में योगदान देता है. हमारे देश में 10.4 करोड़ लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया यानी OSA से जूझ रहे हैं.

कैसे कर सकते हैं स्लीप एपनिया से बचाव
हालांकि प्लांट बेस्ड डाइट स्लीप एपनिया की समस्या से बचाव करने में मददगार हो सकती है. यानी कि फल, सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल कर आप स्लीप एपनिया के रिस्क को कम कर सकते हैं.

 

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