कोरोना वायरस के हवा के जरिए फैलने को लेकर (Covid Through Air) प्रयोगशाला में की गई एक ताजा स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के पैसिफिक नॉर्थवेस्ट नेशनल लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि छींकने या खांसने से संक्रमितों के मुंह से निकलने वाली बुंदों पर कोरोना वायरस की मौजूदगी (Indoor Air And Coronavirus) अनुमान से ज्यादा समय तक बनी रह सकती है. क्योंकि ये कण हवा में ज्यादा दूरी तय कर सकते हैं.
रिसर्च मैगजीन इंटरनेशनल कम्युनिकेशन इन हीट एंड मास ट्रांसफर में छपे इस रिसर्च में छोटी बूंदों में कोरोना वायरस की मौजूदगी से रिलेटेड जानकारियों और कोरोना के खतरे को बताया गया है. अमेरिकी ऊर्जा विभाग की पैसिफिक नॉर्थवेस्ट नेशनल लेबोरेटरी (पीएनएनएल) (Energy's Pacific Northwest National Laboratory) के शोधकर्ताओं ने पाया है कि म्यूकस (बलगम) के जरिए कोरोना का वायरस काफी आगे तक पहुंचा सकता है. यानी बलगम से कोरोना का खतरा काफी ज्यादा है.
पुराने दावे गलत!
कोरोना वायरस के फैलने को लेकर पुराने जो दावे किए गए हैं उसके मुताबिक "सांस की नली से उत्पन्न होने वाली ज्यादातर छोटी बूंदें हवा में तुरंत सूख जाती हैं और इससे नुकसान होने का खतरा नहीं होता है. हालांकि, पीएनएनएल की टीम ने पाया है कि सांस की बूंदों को घेरने वाले बलगम के खोल से वाष्पीकरण (evaporation) की दर कम होने के चासेंज है. इससे बूंदों के भीतर के वायरल कण ज्यादा समय तक नम रहते हैं और कोरोना के फैलने का खतरा पैदा होता है.
बलगम में 30 मिनट तक रह सकता है कोरोना
शोधकर्ताओं की टीम के मुताबिक बलगम की बूंदें 30 मिनट तक नम रह सकती हैं और लगभग 200 फीट तक की यात्रा कर सकती हैं. रिसर्च से जुड़े लेखक लियोनार्ड पीज ने कहा, ‘‘किसी संक्रमित व्यक्ति की तरफ से हवा के झोंकें से या संक्रमित व्यक्ति के कमरे से बाहर निकलने के कई मिनट बाद भी उस कमरे में लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं. इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन औरतों को गर्भावस्था के दौरान mRNA शॉट्स के साथ पूरी तरह से टीका लगाए गए थे, उन्हें पहले छह महीनों में कोरोना वायरस का खतरा नहीं है.