कोरोना का नए वेरिएंट ओमिक्रॉन एक तरफ लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, इसी बीच अब बाजार में "फ्लुरोना" भी लोगों की चिंताएं बढ़ा रहा है. हालांकि ये कोई नया वेरिएंट नहीं है, बल्कि यह कोविड-19 वायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस का दोहरा संक्रमण है. तो आइए आपको बताते है कि आखिर क्या है ये फ्लुरोना.
क्या है फ्लुरोना?
विशेषज्ञों ने पुष्टि की है, यह कोई नया संस्करण नहीं है, बल्कि कोविड-19 वायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस का दोहरा संक्रमण है. एक मरीज को फ्लुरोना से संक्रमित तब कहा जाता है जब उसके शरीर में कोविड -19 और इन्फ्लूएंजा वायरस एक ही समय में शरीर में प्रवेश करता है. ये एक ऐसी स्थिति जिसे मानव शरीर अनुमति देता है. इसे कुछ हद तक Delmicron की तरह माना जा सकता है. Delmicron वो स्थिति है जिसमें डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट एक साथ शरीर पर हमला करते हैं.
खतरनाक है ये दोहरा संक्रमण
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस फ्लुरोना के कई गंभीर लक्षण होते है. जैसे जिसमें निमोनिया और अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं और मायोकार्डिटिस शामिल हैं. वैज्ञानिकों की राय है कि अगर इस वायरस को गंभीरता से लें. चिकित्सा देखभाल के अभाव के कारण ये मृत्यु का जोखिम भी पैदा कर सकता है.
कहां मिला पहला मामला?
इजरायल के अखबार येदिओथ अह्रोनोथ ने पहले 'फ्लुरोना' संक्रमण की सूचना दी. "दोहरी बीमारी" का संक्रमण एक महिला में दर्ज किया गया था जो पिछले हफ्ते रॉबिन मेडिकल सेंटर में जन्म देने के लिए आई थी. उसके अपेक्षाकृत हल्के लक्षण थे और उसे टीका नहीं लगाया गया था.
क्यों होता है फ्लुरोना?
जब शरीर पर कोरोना वायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस दोनों एक साथ हमला करते हैं तो इस स्थिति को फ्लुरोना कहते हैं. काहिरा विश्वविद्यालय अस्पताल के डॉ नहला अब्देल वहाब ने मीडिया सूत्रों को बताया कि दोहरा संक्रमण व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) के बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकता है. दरअसल कुछ विशेषज्ञों ने डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट के संयोजन, डेल्माइक्रोन के लिए भी चेतावनी दी है.