Pompe Disease: क्या है Pompe Disease, जिसकी वजह से भारत में हुई पहली मौत, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय?

पोम्पे एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है जो एंजाइम एसिड अल्फा-ग्लूकोसिडेज (जीएए) की कमी के कारण होती है. इसे Glycogen Storage Disease Type II भी कहा जाता है. ये रेयर डिजीज है जोकि लाखों में से किसी एक को होती है.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST
  • भारत में दुर्लभ Pompe Disease के पहले मरीज की मौत
  • जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

भारत की पहली Pompe Disease पेशेंट निधि शिरोल का पिछले महीने निधन हो गया. वो महज 24 साल की थी. उन्होंने पिछले 6 साल बेहोशी की हालत में बिताए थे. 2010 में उनके पिता प्रसन्ना शिरोल ने ऑर्गेनाइजेशन फॉर रेयर डिजीज इंडिया (ओआरडीआई) की शुरुआत की थी. ये इस तरह की दुर्लभ बीमारियों के लिए देश का पहला एनजीओ है. क्या है ये बीमारी, और ये कितनी आम है आइए जानते हैं.

क्या है Pompe Disease
पोम्पे एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है जो एंजाइम एसिड अल्फा-ग्लूकोसिडेज (जीएए) की कमी के कारण होती है. इसे Glycogen Storage Disease Type II भी कहा जाता है. ये रेयर डिजीज है जोकि लाखों में से किसी एक को होती है.

पोम्पे डिजीज लोगों को कैसे प्रभावित करती है?
पोम्पे डिजीज से पीड़ित लोगों की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं. यह कंकाल और मांसपेशियों दोनों को प्रभावित करती है. जिससे रोजाना के काम काज प्रभावित होते हैं. मांसपेशियों में कमजोरी के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है. खासकर वर्क आउट के समय या सोने के समय.

इस बीमारी से पीड़ित बच्चों को बैठने और चलने में देरी का अनुभव हो सकता है. लंबे समय तक मांसपेशियों की कमजोरी हड्डियों को भी प्रभावित करती है जिससे जोड़ों में सिकुड़न पैदा हो सकती है.

क्या है Pompe डिजीज के लक्षण
Pompe डिजीज के कुछ मामलों में हार्ट की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं. इस वजह से दिल का तेज धड़कना, थकान और सीने में दर्द जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. मांसपेशियों में कमजोरी और श्वसन संबंधी तकलीफों के कारण मरीजों को अपने रोजाना के काम करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे लोगों को व्हीलचेयर या इन्हेलर की जरूरत पड़ती है. कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में कमजोरी, वजन न बढ़ना जैसे लक्षण दिखाई देत हैं. पोम्पे रोग से पीड़ित कई बच्चों की जीभ भी बड़ी होती है.

कमी वाले एंजाइम एसिड अल्फा-ग्लूकोसिडेज़ (जीएए) की एक्टिविटी को जांचने के लिए एंजाइम टेस्ट किया जाता है. आनुवंशिक परीक्षण जिम्मेदार GAA जीन में म्यूटेशन की पहचान करता है. मरीजों में लक्षण दिखने पर ही इसका परीक्षण किया जाता है. Enzyme टेस्ट खून या स्किन के जरिए होता है.

क्या पोम्पे रोग का इलाज संभव है?
पोम्पे डिजीज का फिलहाल कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को कम करने और मरीज के जीवन को बेहतर बनाने के इलाज के विकल्प उपलब्ध हैं. एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी (ईआरटी) एक ट्रीटमेंट है, जिसमें ग्लाइकोजन निर्माण को कम करने के लिए मिसिंग एंजाइम को शामिल किया जाता है.

 

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