कोविड-19 के लक्षणों को कम करने के साथ वायरस को भी फैलने से रोकेगी ये Antiviral Therapy, वैज्ञानिकों की नई रिसर्च

ये नई रिसर्च प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में पब्लिश हुई है. इसके मुताबिक, एक ऐसी सिंगल डोज वैक्सीन, इंट्रानेजल ट्रीटमेंट विकसित किया गया है जो कोविड-19 वायरस के ट्रांसमिशन को कम कर देगा.

Antiviral Therapy
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:12 AM IST
  • वायरस के ट्रांसमिशन को करता है कम 
  • थेरप्यूटिक इंटरफेरिंग पार्टिकल कहा जाता है

जितना जल्दी हम कोविड-19 को फैलने से रोकेंगे उतनी जल्दी ही हम इस महामारी से बाहर निकल सकेंगे. इसी कड़ी में अब अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ऐसी सिंगल डोज वैक्सीन, इंट्रानेजल ट्रीटमेंट विकसित किया है जो न केवल कई कोविड वेरिएंट के लक्षणों को कम करता है बल्कि वायरस को भी फैलने से रोकेगा. 

वायरस के ट्रांसमिशन को करता है कम 

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में पब्लिश हुए एक नए अध्ययन में, सैन फ्रांसिस्को में ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट्स की टीम ने दिखाया कि इस नए उपचार, जिसे थेरप्यूटिक इंटरफेरिंग पार्टिकल  (TIP) कहा जाता है, संक्रमित जानवरों से वायरस की मात्रा को कम करता है और ट्रांसमिशन को सीमित करता है.

रिसर्च पेपर लिखने वाली टीम की सोनाली चतुर्वेदी ने कहा, "हमारी जानकारी के लिए, यह एकमात्र ऐसी सिंगल एंटीवायरल डोज है जो न केवल कोविड -19 के लक्षणों और गंभीरता को कम करती है, बल्कि वायरस को भी खत्म करती है."

क्या है टीआईपी?

दरअसल, टीआईपी को इन्फेक्टेड सेल के अंदर तक वायरस को दबाने की उनकी क्षमता के लिए जाना जाता है. चूंकि टीआईपी उसी सेल के अंदर रहते हैं, जिस वायरस को वे टारगेट करते हैं, वे एक ही समय में विकसित होते हैं, यहां तक ​​​​कि नए वायरल स्ट्रेन के उभरने पर भी एक्टिव रहते हैं.

कैसे की गई रिसर्च?

शोधकर्ताओं ने एंटीवायरल टीआईपी के साथ कोविड से संक्रमित हैम्स्टर्स का इलाज किया. फिर जानवरों की नाक में रोजाना वायरस की मात्रा को मापा. शुरुआत में जो एक्सपेरिमेंट किये गए वो SARS-CoV-2 के डेल्टा स्ट्रेन का उपयोग करके किए गए थे. 5 वें दिन जब फिर से जांच की गई तो पाया कि सभी जानवरों में अभी वायरस का उतना ही लेवल था. जबकि पांच टीआईपी-इलाज वाले जानवरों में से चार में वायरस का पता नहीं चल पाया था.

 

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