गहरी नींद बना सकती है अल्जाइमर से बचाव की ढाल! जानिए कैसे रातभर की अच्छी नींद आपकी याददाश्त बचा सकती है

कई लोग अच्छी नींद के लिए स्लीपिंग पिल्स का सहारा लेते हैं, लेकिन विशेषज्ञ इसके खिलाफ सलाह देते हैं. कारण यह है कि स्लीपिंग पिल्स से केवल सतही नींद आती है, जबकि गहरी नींद की प्रक्रिया बाधित हो सकती है. इसके अलावा, इन दवाओं के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं.

Alzheimer Disease (Photo-Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST
  • 62 बुजुर्गों को किया गया शामिल 
  • अच्छी नींद आपकी याददाश्त बचा सकती है

अगर आप अपनी याददाश्त को मजबूत रखना चाहते हैं और बढ़ती उम्र में भी मानसिक रूप से एक्टिव रहना चाहते हैं, तो अच्छी और गहरी नींद लेना बेहद जरूरी है. हाल ही में एक शोध में पाया गया है कि गहरी नींद लेने वाले बुजुर्गों में अल्जाइमर (Alzheimer’s) होने का खतरा कम हो सकता है. यह शोध अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (UC) बर्कले, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और UC इरविन के वैज्ञानिकों ने किया है.

62 बुजुर्गों को किया गया शामिल 
इस शोध में 62 बुजुर्गों को शामिल किया गया, जो मानसिक रूप से स्वस्थ थे. वैज्ञानिकों ने उनके दिमाग में मौजूद प्रोटीन स्तर की जांच करने के लिए PET स्कैन का इस्तेमाल किया.

शोध में पाया गया कि जिन बुजुर्गों के दिमाग में अल्जाइमर से जुड़े बदलाव देखे गए, लेकिन वे गहरी नींद लेते थे, उन्होंने मेमोरी टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन किया. दूसरी ओर, जिन लोगों में ऐसे बदलाव थे लेकिन उनकी नींद की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी, वे टेस्ट में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके.
इससे यह निष्कर्ष निकला कि गहरी नींद याददाश्त को कमजोर होने से बचाने में मदद कर सकती है. 

अल्जाइमर और गहरी नींद के बीच क्या संबंध है?
यह पहली बार नहीं है जब वैज्ञानिकों ने नींद और अल्जाइमर के बीच संबंध खोजने की कोशिश की है. इससे पहले भी कई शोधों में पाया गया है कि अगर किसी व्यक्ति की नींद अच्छी नहीं होती, तो उसके दिमाग में 'एमिलॉयड-बीटा' (Amyloid-beta) नामक प्रोटीन जमा होने लगते हैं.

एमिलॉयड-बीटा और टाउ (Tau) प्रोटीन का जमाव अल्जाइमर की पहचान माने जाते हैं. ये प्रोटीन दिमागी कोशिकाओं में रुकावट डालते हैं और धीरे-धीरे याददाश्त और अन्य मानसिक क्षमताओं को कमजोर करने लगते हैं.

अच्छी नींद कैसे दिमाग को सुरक्षित रखती है?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, गहरी नींद लेने से दिमाग खुद को साफ करता है. जब हम गहरी नींद में होते हैं, तो दिमाग में मौजूद सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (Cerebrospinal Fluid) पुराने और बेकार प्रोटीन को बाहर निकालने में मदद करता है.

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (UC) बर्कले के न्यूरोसाइंटिस्ट मैथ्यू वॉकर (Matthew Walker) के मुताबिक, "गहरी नींद को ऐसे समझिए जैसे एक लाइफ जैकेट जो आपकी याददाश्त को डूबने से बचाती है."

क्या सिर्फ नींद से अल्जाइमर रोका जा सकता है?
हालांकि, वैज्ञानिक अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि क्या केवल गहरी नींद ही अल्जाइमर को रोक सकती है. लेकिन यह जरूर पाया गया कि जो लोग गहरी नींद लेते हैं, वे इस बीमारी के प्रभाव को कम कर सकते हैं.

अच्छी नींद के लिए क्या करें?
अगर आप भी अपनी नींद की गुणवत्ता सुधारना चाहते हैं, तो कुछ आसान आदतें अपनाकर ऐसा किया जा सकता है:

  • रात में कैफीन से बचें- चाय, कॉफी, और अन्य कैफीन युक्त चीजों का सेवन शाम के बाद न करें.
  • रोजाना एक्सरसाइज करें- हल्की कसरत करने से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है.
  • सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें- मोबाइल, लैपटॉप और टीवी से निकलने वाली ब्लू लाइट आपकी नींद को खराब कर सकती है.
  • गर्म पानी से स्नान करें- सोने से पहले गर्म पानी से नहाने से शरीर को आराम मिलता है और नींद जल्दी आती है.

नींद की दवा लेना कितना सही है?

कई लोग अच्छी नींद के लिए स्लीपिंग पिल्स का सहारा लेते हैं, लेकिन विशेषज्ञ इसके खिलाफ सलाह देते हैं. कारण यह है कि स्लीपिंग पिल्स से केवल सतही नींद आती है, जबकि गहरी नींद की प्रक्रिया बाधित हो सकती है. इसके अलावा, इन दवाओं के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं.

अगर आप अल्जाइमर जैसी बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो अच्छी और गहरी नींद लेना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए. यह न केवल याददाश्त को मजबूत बनाएगी, बल्कि आपकी पूरी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए भी फायदेमंद होगी.
 


 

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