एक और उपलब्धि लगी हाथ! भारत की पहली नेजल वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल हुआ पूरा, जल्द मिल सकता है देश को BBV154 टीका

भारत को जल्द नाक से दिया जाने वाला टीका मिल सकता है. भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है. सरकार की मंजूरी के बाद BBV154 इंट्रानेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे.

Nasal Vaccine
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST
  • बूस्टर डोज के रूप में कर सकेंगे इस्तेमाल
  • टीकाकरण अभियान को मिलेगी तेजी 

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2022) के मौके पर देश के हाथ एक और उपलब्धि लगी है. कोरोना से बचाव के लिए हमें जल्द नया हथियार मिल सकता है. भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने नाक से दिए जाने वाले टीके नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine) के तीसरे चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है. सरकार की मंजूरी के बाद नेजल वैक्सीन का इस्तेमाल हम बूस्टर डोज के रूप में कर सकेंगे. 

बूस्टर डोज के रूप में कर सकेंगे इस्तेमाल 

आपको बताते चलें,  भारत बायोटेक (Bharat Biotech) कोरोना की BBV154 इंट्रानेजल वैक्सीन (Intranasal Vaccine) पर लंबे समय से काम कर रही है. ऐसे में नेजल वैक्सीन का तीसरा क्लीनिकल ट्रायल भी पूरा हो चुका है. कंपनी के मुताबिक,  इस नेजल वैक्सीन के आ जाने के बाद हम इसे बूस्टर डोज के तौर पर ले सकेंगे. बता दें कि BBV154 भारत की पहली नेजल वैक्सीन है. 

जल्द मिल सकती है इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी 

भारत बायोटेक ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है. BBV154 के बारे में कंपनी ने बताया कि वे वैक्सीन सुरक्षित और इम्युनोजेनिक साबित हुई है. जल्द ही इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है. बता दें, नेजल वैक्सीन नाक से दी जाने वाली वैक्सीन है. इसलिए इसे कोई भी दे सकेगा. 

कंपनी ने कहा कि BBV154 को प्राइमरी डोज के रूप में लिस्ट करने के लिए इसके दो अलग-अलग क्लीनिकल ट्रायल किए गए थे. जबकि प्राइमरी डोज शेड्यूल के तीसरे ट्रायल में पूरे भारत में 14 ट्रायल साइट पर इसे चेक किया गया. जांच में इसकी तुलना COVAXINÒ के साथ की गई. 

टीकाकरण अभियान को मिलेगी तेजी 

भारत बायोटेक की ज्वाइन मैनेजिंग एडिटर सुचित्रा के. एला ने कहा, “इस 75वें स्वतंत्रता दिवस पर, हमें BBV154  इंट्रानेजल वैक्सीन के लिए क्लिनिकल ट्रायल के सफल समापन की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है. हम इनोवेशन और प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखते हैं. यह भारत बायोटेक की टीमों के लिए एक और उपलब्धि है. अगर यह मंजूर हो जाती है तो इंट्रानेजल वैक्सीन बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियानों को आसान बना देगी.”
 


 
 
 
 

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