सर्दियां आते ही दमा मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती है. ठंड में दमा के मरीजों की सांस की नलियां सिकुड़ने के कारण यह मौसम काफी तकलीफदेह हो जाता है. इतना ही नहीं ठंड के मौसम में उन्हें अस्थमा अटैक की आशंका भी बढ़ जाती है. हम यहां पर आपको बता रहे हैं कि ऐसा सर्दियों में ही क्यों होता है और आप ठंड में अपना ख्याल कैसे रख सकते हैं.
वर्ल्ड अस्थमा फाउंडेशन के मुताबिक देश की 25 फीसद जनसंख्या एलर्जी से पीड़ित है. जिसमें से कई लोगों की एलर्जी अस्थमा में बदल जाती है. पिछले कुछ वर्षों में कमजोर इम्यूनिटी के चलते अस्थमा के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर दस में से एक अस्थमा मरीज भारतीय है.
ठंड में इसलिए बढ़ जाता है अस्थमा अटैक का खतरा
अस्थमा के मरीजों को हर बदलते मौसम में सावधान रहने की जरूरत होती है. उनकी समस्या ठंड के दिनों में ज्यादा बढ़ जाती है. जिसके पीछे का कारण ठंड में शुष्क हवाएं चलती है. वहीं वातावरण में और भी कई बदलाव होते है. ठंड में श्वास की नलियां काफी सिकुड़ जाती है. दूसरा वातावरण में धुंध के कारण प्रदूषण भी काफी बढ़ जाता है. जिसके कारण उन्हें ठंड में अस्थमा अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है.
अस्थमा अटैक करें ये उपाय
जब भी आपको अस्थमा अटैक आए तो सबसे पहले बिना देरी किए डॉक्टर की बताई दवा लें. इनहेलर का इस्तेमाल करें. अगर लेटे हुए हैं तो बैठे या खड़े हो जाएं और लंबी सांस लें. कपड़ों को ढीला करें और शांत रहने का प्रयास करें. गर्म चीजों का सेवन करें जैसे कॉपी, शूप. इनके सेवन करने से आपके सांस लेने की नलियां कुछ घंटों के लिए खुल जाएंगी. इसके साथ ही बिना देरी किए किसी डॉक्टर से संपर्क करें.