Covid vaccine: एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन से हुए साइड इफेक्ट्स...कंपनी ने खुद स्वीकार की ये बात

फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोविड वैक्सीन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है. कंपनी ने स्वीकार किया कि उसकी कोविड वैक्सीन से दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.एस्ट्राजेनेका ने यूके हाईकोर्ट में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में पहली बार इस बात को स्वीकार किया है.

Covid Vaccine
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने कोविड वैक्सीन को लेकर बड़ी बात बोली है. दरअसल कोविड वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्राजेनेका ने यूके हाइकोर्ट में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में पहली बार ये स्वीकार किया कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से TTS जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.  

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर कोविशील्ड और वैक्सज़ेवरिया ब्रांड नामों के तहत बेचा गया था. दरअसल फार्मास्युटिकल कंपनी को क्लास-एक्शन मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है,जिसमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित उसके टीके से सीरीयस इंजरी और मौत का आरोप लगाया गया है.कई परिवारों ने अदालत में शिकायत के माध्यम से आरोप लगाया कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साइड इफेक्ट बहुत विनाशकारी हैं.वहीं इस बीच कंपनी की स्वीकारोक्ति मौजूदा कानूनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो टीकाकरण से जुड़े संभावित जोखिमों को उजागर करती है.

ये मुकदमा जेमी स्कॉट द्वारा शुरू किया गया था, जिन्हें अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लेने के बाद ब्रेन डैमेज का शिकार होना पड़ा था.ये मामला थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) का है जोकि एक गंभीर रोग है जिसमें व्यक्ति के खून में थक्का जम जाता है और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है.इसके अलावा कई अन्य परिवारों ने भी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर मुकादमा दायर किया था और अब वो मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

क्या है TTS?
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम शरीर के खून में थक्के जमने की वजह से होता है.इस वजह से बॉडी में ब्लड क्लॉटिंग हो जाती है जिसकी वजह से व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट आदि होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा इस सिंड्रोम की वजह से बॉडी में प्लेटलेट्स गिरने लगते हैं.

परिवार मांग रहे मुआवजा
बता दें कि सेफ्टी इश्यूज की वजह से एस्ट्राजेनेका अब यूके में नहीं दी जाती है.जबकि स्वतंत्र अध्ययनों ने महामारी से निपटने में इसकी प्रभावशीलता दिखाई है,वहीं इसके दुष्प्रभावों ने इसकी नियामक जांच और कानूनी कार्रवाई को प्रेरित किया है.अब जब कंपनी ने इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स को स्वीकार कर लिया है तो प्रभावित होने वाले व्यक्ति और परिवार के लोग वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स के लिए उचित मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोर्ट में 51 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें पीड़ितों और तीमारदारों ने 100 मिलियन पाउंड तक के अनुमानित क्षति की मांग की गई है.

 

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