Astro Tips For Good Health: क्या आप भी आए दिन हो जाते हैं बीमार ? ग्रहों की कमजोर स्थिति हो सकती है वजह, जानिए अच्छी सेहत पाने के अचूक उपाय

Astro Tips For Good Health: क्या आप आए दिन बीमार हो जाते हैं ? अगर इसका जवाब हां है तो इसके पीछे वैसे तो कई कारण हो सकते हैं लेकिन एक कारण कमजोर ग्रह भी हो सकता है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि किस ग्रह के कमजोर होने पर कौन सी बीमारी हो सकती है और इसे ठीक करने के उपाय क्या हैं.

Astro Tips For Good Health (Photo-Unsplash)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2024,
  • अपडेटेड 1:58 PM IST

बीमार होना कोई नहीं होना चाहता. लेकिन ग्रहों के कमजोर होने की वजह से व्यक्ति आए दिन बीमार पड़ जाता है. बता दें कि शरीर में कुल मिलाकर पांच तत्व और तीन धातु होती हैं. ये पांचों तत्व और तीनों धातु नौ ग्रहों से नियंत्रित होते हैं. जब कोई तत्व या धातु कमजोर होती है तब शरीर में बीमारियां बढ़ जाती हैं. इससे संबंधित ग्रहों को ठीक करके हम शरीर की बीमारियों को दूर कर सकते हैं.

सर्दी-जुकाम-खांसी-

आमतौर पर ये तुरंत होने वाली समस्याएं चंद्रमा और कभी कभी मंगल से संबंध रखती हैं. चंद्रमा के कारण ये लगातार सांस और जकड़न बनाए रखती हैं. मंगल के कारण ये कभी कभी बुखार में भी तब्दील हो जाती हैं. जिन भी लोगों को ये समस्याएँ नियमित रूप से रहती हों ऐसे लोगों को देर रात्रि तक जागने से और देर तक सोने से बचना चाहिए. चांदी के गिलास से पानी पिएं या पीने के पानी के पात्र में एक चांदी का सिक्का डाल कर रखें. नित्य प्रातः सूर्य की रोशनी में पीठ करके थोड़े समय तक बैठने से भी लाभ होता है.

त्वचा की समस्या -

मुख्य रूप से ये समस्या बुध और आंशिक रूप से मंगल और सूर्य की है. बुध से त्वचा की समस्याएं लंबे समय तक बनी रहती हैं. मंगल और सूर्य के कारण त्वचा पर जगह जगह दाग धब्बे आ जाते हैं. कभी-कभी मंगल के कारण दुर्घटना में शरीर पर निशान भी बन जाते हैं. ऐसी समस्या वाले लोगों को नियमित रूप से उगते हुए सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. सप्ताह में एक बार केवल जल और फल ग्रहण करके उपवास रखना चाहिए. जितना संभव हो हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए. कांसे का एक छल्ला बुधवार को सायं कनिष्ठिका अंगुली में धारण करें. 

आंखों की समस्या - 

आंखों की समस्या मुख्य रूप से सूर्य से संबंध रखती है. कभी-कभी इसका संबंध शुक्र से भी होता है. सूर्य के कारण रोशनी घटती चली जाती है और शुक्र के कारण आंखों की नसें कमजोर हो जाती हैं. आंखों की रोशनी की समस्या हो तो सुबह में नंगे पैर घास पर चलना चाहिए तथा भूलकर भी दांतों से नाखून नहीं चबाने चाहिए. आंखों से पानी गिरने की समस्या हो तो सूर्योदय के समय सूर्य के सामने कुछ देर बैठने का अभ्यास करना चाहिए. 

हड्डियों का दर्द और सिर दर्द -

यह समस्या सूर्य और शनि से संबंध रखती है. हालांकि अन्य जगहों के लिए इसमें विभिन्न ग्रहों का योगदान भी है. सूर्य के कारण पीठ और सिर दर्द की समस्या हो जाती है . चन्द्र या बुध के कारण दर्द हो तो वह ज्यादातर मानसिक होता है. शनि के कारण शरीर के जोड़ों में दर्द की संभावना ज्यादा होती है. अगर जोड़ों में दर्द की समस्या हो तो पैरों के अंगूठे में चांदी का छल्ला धारण करें.  हनुमान चालीसा का नित्य प्रातः पाठ करने से भी लाभ होता है. कनिष्ठिका अंगुली के नीचे के हिस्से को पांच मिनट तक दबाने से दर्द से राहत मिलती है. 

पेट की समस्याएं-

बृहस्पति और चंद्रमा से पाचन तंत्र और पेट की समस्याएं पैदा होती हैं. बृहस्पति कमजोर हो तो पेट नियमित रूप से खराब रहता है. बृहस्पति पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो तो कभी कभी लिवर और आंतों क़ी समस्या हो जाती है. अगर पेट की समस्या हो तो पीला पुखराज बिल्कुल न पहनें. तांबे के बर्तन का पानी पिएं या तांबे के गिलास से पानी पीएं. रोज सुबह तेजी से टहलें और एक बार में ढेर सारा खाना न खाएं. 

डायबिटीज-

डायबिटीज या मधुमेह  मुख्य रूप से शुक्र के कारण होता है. पर कभी कभी इसमें चंद्रमा या बृहस्पति की भी भूमिका होती है. शुक्र के कारण आनुवंशिक कारणों से मधुमेह होता है. चन्द्रमा के कारण तनाव से डायबिटीज हो जाती है. बृहस्पति के कारण अक्सर कम उम्र में पाचन तंत्र के कारण मधुमेह हो जाता है. मधुमेह होने पर जल तत्व का रत्न धारण करें. भोजन में कच्चा केला. जई और लौकी जरूर शामिल करें. संभव हो तो प्रातः सूर्य नमस्कार भी करें. राम रक्षा स्तोत्र भी खूब लाभकारी होता है.

ब्लड प्रेशर- 

रक्तचाप के लिए चंद्रमा जिम्मेदार होता है. रक्तचाप होने पर मोती सोच समझकर धारण करें. नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें. भोजन में साधारण नमक के बजाए सेंधा नमक का प्रयोग करें. शवासन का अभ्यास करने से भी लाभ होता है.

 

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